ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाना अब जेब पर पड़ेगा भारी, रेलवे लागू करेगा एयरपोर्ट जैसा नियम!
संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सामान (Luggage) के नियमों पर दिए गए बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है। रेलवे अब हवाई अड्डों की तर्ज पर अतिरिक्त सामान ले जाने वाले यात्रियों पर सख्ती बरतने की तैयारी में है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (17 दिसंबर) को संसद में स्पष्ट किया कि निर्धारित सीमा से अधिक सामान ले जाने वाले रेल यात्रियों को अब अतिरिक्त शुल्क देना होगा। सांसद प्रभाकर रेड्डी के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे अब एयरपोर्ट की तर्ज पर सामान संबंधी नियमों को कड़ाई से लागू करेगा। हालांकि, यह नियम रेलवे की किताबों में पहले से मौजूद हैं, लेकिन अब इसे प्रभावी ढंग से जमीन पर उतारने की तैयारी है।
आम यात्रियों की चिंता और मजबूरी
पटना जंक्शन पर यात्रियों ने इस संभावित सख्ती पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। बेगूसराय के एक यात्री ने कहा कि रेलवे और हवाई जहाज में बड़ा अंतर है। रेल के जनरल और स्लीपर कोच में मध्यम और निम्न वर्ग के लोग सफर करते हैं, जो अक्सर मजबूरी में भारी सामान लेकर चलते हैं। यात्रियों का तर्क है कि अगर उनके पास अधिक पैसे होते, तो वे हवाई जहाज का विकल्प चुनते; सरकार को गरीबों की जेब का ख्याल रखना चाहिए।
सख्ती के पक्ष में भी उठे सुर
दूसरी ओर, कुछ यात्रियों ने इस नियम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि कई यात्री एक टिकट पर इतना अधिक सामान ले आते हैं कि कोच में अन्य यात्रियों के लिए बैठने या खड़े होने की जगह भी नहीं बचती। एक महिला यात्री ने बताया कि गेट पर ही भारी गट्ठर और बैग रखे होने के कारण ट्रेन में चढ़ना-उतरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अनुशासन बनाए रखने के लिए यह नियम जरूरी है।
क्या हैं सामान ले जाने के मौजूदा नियम?
रेलवे के नियमों के अनुसार, हर श्रेणी के लिए मुफ्त सामान ले जाने की एक सीमा तय है:
स्लीपर क्लास: 40 किग्रा तक मुफ्त (अधिकतम 80 किग्रा तक शुल्क के साथ)।
AC 3-टियर/चेयर कार: 40 किग्रा तक की सीमा।
AC 2-टियर/फर्स्ट क्लास: 50 किग्रा तक मुफ्त (अधिकतम 100 किग्रा)।
AC फर्स्ट क्लास: 70 किग्रा तक मुफ्त (अधिकतम 150 किग्रा)।
द्वितीय श्रेणी (General): 35 किग्रा तक मुफ्त (अधिकतम 70 किग्रा)।
सामान के वजन के साथ आकार पर भी नजर
नियम केवल वजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामान के आकार (Dimensions) को लेकर भी कड़े निर्देश हैं। यात्री द्वारा ले जाने वाले लगेज की लंबाई 100 सेमी, चौड़ाई 60 सेमी और ऊंचाई 25 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि सामान ज्यादा जगह घेरने वाला है, तो उस पर भी अतिरिक्त शुल्क या बुकिंग की अनिवार्यता लागू हो सकती है।
कर्मचारियों के सामने व्यावहारिक चुनौतियां
रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि नियम पुराने हैं, लेकिन सघन जांच की कमी के कारण अब तक यात्री बचते रहे हैं। टीटीई (TTE) मुख्य रूप से टिकटों की जांच करते हैं, सामान तौलने की व्यवस्था हर स्टेशन पर व्यावहारिक रूप से कठिन है। हालांकि, रेल मंत्री के बयान के बाद यदि ऊपर से आदेश आता है, तो टिकट चेकिंग के साथ-साथ सामान के वजन की भी सघन जांच शुरू की जा सकती है।