अदालत की दहलीज पर चनपटिया का चुनाव

चनपटिया विधानसभा सीट के चुनाव परिणामों को लेकर शुरू हुई कानूनी जंग

अदालत की दहलीज पर चनपटिया का चुनाव
अदालत की दहलीज पर चनपटिया का चुनाव- फोटो : REPORTER

पश्चिम चंपारण की चनपटिया विधानसभा सीट का चुनावी मुकाबला अब सियासी मैदान से निकलकर न्यायिक गलियारों में पहुँच गया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक उमाकांत सिंह ने वर्तमान विधायक अभिषेक रंजन की जीत को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस कानूनी कदम ने चनपटिया की राजनीति में एक बार फिर से हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि चुनाव परिणामों की वैधता पर अब अदालत फैसला करेगी।

इन लोगों को बनाया गया प्रतिवादी

पूर्व विधायक उमाकांत सिंह द्वारा दाखिल इस चुनाव याचिका में वर्तमान विधायक अभिषेक रंजन को मुख्य प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में न केवल निर्वाचित प्रतिनिधि, बल्कि चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। सहायक प्रतिवादी के तौर पर चनपटिया के तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर और पश्चिम चंपारण के पूर्व डीडीसी सुमित कुमार को भी नामजद किया गया है, ताकि चुनाव प्रक्रिया के तकनीकी पहलुओं की जांच की जा सके।

कानूनी धाराओं के तहत दी गई चुनौती

यह याचिका 17 दिसंबर 2025 को पटना हाई कोर्ट की प्रधान पीठ में आधिकारिक रूप से दर्ज की गई है। इसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act) की धारा 80, 80A और 81 का सहारा लिया गया है। इन धाराओं के तहत चुनाव याचिका के माध्यम से किसी भी निर्वाचन की वैधता, गिनती में गड़बड़ी या नियमों के उल्लंघन को चुनौती देने का प्रावधान है। हाई कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिससे न्यायिक जांच का रास्ता साफ हो गया है।

न्यायिक प्रक्रिया से बदलेगी क्षेत्र की सियासत

याचिका में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कई गंभीर पहलुओं पर आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। अब पटना हाई कोर्ट यह तय करेगा कि चुनाव के दौरान नियमों का पालन किया गया था या नहीं। यदि कोर्ट इन आपत्तियों को सही पाता है, तो चनपटिया की चुनावी राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। फिलहाल, क्षेत्र के मतदाताओं और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें हाई कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।

रिपोर्ट - नरोत्तम कुमार