Bihar Politics: चिराग पासवान ने राजेश वर्मा को दी बड़ी जिम्मेदारी, विधानसभा चुनाव से पहले लोजपा(रा) सांसद का बढ़ा कद

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने लोजपा(रा) सासंद राजेश वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। राजेश वर्मा का कद अब और बढ़ गया है। आइए जानते हैं पूरी खबर...

चिराग पासवान
चिराग ने राजेश को दी बड़ी जिम्मेदारी - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोजपा(रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने खगड़िया सांसद राजेश वर्मा को अहम जिम्मेदारी दी है। चिराग पासवान ने राजेश वर्मा को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया है। चुनाव से पहले चिराग पासवान ने खगड़िया सांसद को बड़ी जिम्मेदारी दी है। इसकी जानकारी खुद राजेश वर्मा ने दी है। 

 राजेश वर्मा बने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष

राजेश वर्मा ने सोशल मीडिया पर ट्विट कर लिखा कि, "मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझपर विश्वास करते हुए पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया। मैं विश्वास दिलाता हूं कि पूर्ण समर्पण भाव से अपने दायित्व का निर्वहन करूंगा। वहीं इसके साथ ही राजेश वर्मा ने एक तस्वीर भी साझा किया है। 

चिराग ने दी अहम जिम्मेदारी 

तस्वीर में चिराग पासावन. राजेश वर्मा के साथ लोजपा(रा) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक भी मौजूद हैं। बता दें कि अब कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होनी है। चुनाव से पहले चिराग पासवान ने राजेश वर्मा को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया है। बता दें कि, राजनीति में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष किसी भी पार्टी के सबसे अहम पदों में से एक होता है। उनका रोल सिर्फ “खजांची” तक सीमित नहीं होता, बल्कि पार्टी की आर्थिक रीढ़ को मजबूत बनाए रखना भी होता है।

कोषाध्यक्ष का काम 

पार्टी में कोषाध्यक्ष का काम पार्टी को मिलने वाले दान (donation), चुनावी चंदा और अन्य वित्तीय स्रोतों का हिसाब रखना। चुनाव प्रचार, रैलियों, विज्ञापन, संगठनात्मक गतिविधियों और पार्टी दफ्तरों पर होने वाले खर्च की निगरानी करना। पार्टी के सालाना और चुनावी बजट तैयार करना और नेतृत्व को प्रस्तुत करना। चुनाव आयोग और आयकर विभाग जैसी संस्थाओं को समय-समय पर वित्तीय रिपोर्ट और ऑडिट रिपोर्ट जमा कराना। ताकि पार्टी पर अवैध फंडिंग या काले धन का आरोप न लगे। पार्टी प्रमुख और अन्य नेताओं को आर्थिक स्थिति और चुनावी खर्च को लेकर सलाह देना है।  कुल मिलाकर, राजनीति में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष वही शख्स होता है जो पार्टी की तिजोरी का रखवाला होता है और यह तय करता है कि पैसा कहाँ से आएगा और कैसे खर्च होगा।

पटना से नरोत्तम की रिपोर्ट