CHO Exam Scam: सीएचओ ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में धांधली के सरगना धराए, ईओयू की बड़ी कार्रवाई

CHO exam Scam: सीएचओ ऑनलाइन भर्ती परीक्षा मामले में ईओयू ने बड़ी कार्रवाई की है। ईओयू ने मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है....

CHO Exam Scam
CHO Exam Scam - फोटो : social Media

CHO exam Scam: बिहार के परीक्षा में धांधली की खबर अक्सर सामने आती है। बीते दिन सीएचओ परीक्षा में भी धांधली हुई थी जिसके बाद पुलिस इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में ईओयू को बड़ी सफलता मिली है। ईओयू ने सीएचओ परीक्षा में धांधली कराने वाला सरगना रवि भूषण और शशि कुमार गिरफ्तार कर लिया है।नेपाल तक इओयू ने इनका पीछा किया। लगभग चार महीने के बाद इओयू ने दोनों परीक्षा माफियाओं दबाेच लिया है। दरअसल मिली जानकारी के अनुसार पटना में ये दाेनाें वकील से मिलने आए थे। जिसकी भनक इओयू को लग गई और दाेनाें काे गिरफ्तार कर साथ लेकर इओयू पूछताछ कर रही है। 

अब तक हुई इतनी गिरफ्तारी 

बता दें कि, इस मामले में अबतक कुल 38 लाेगाें की गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया जाता है कि 45 सौ पदों पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने बहाली निकाली थी। जिस धांधली की बात सामने आने के बाद बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने परीक्षा रद्द कर दी थी। ये परीक्षा अभी तक नहीं हुई है। 1 और 2 दिसंबर 2024 को परीक्षा होने वाली थी।

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सीएचओ परीक्षा धांधली के सरगना गिरफ्तार 

दरअसल, बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की भर्ती परीक्षा में धांधली का मास्टरमाइंड रविभूषण और उसका सहयोगी शशि कुमार आखिरकार ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) की गिरफ्त में आ गए हैं। दोनों को सोमवार को पटना सिविल कोर्ट से गिरफ्तार किया गया। जहां वे वकील से मिलने पहुंचे थे। चार महीने से फरार चल रहे यह दोनों आरोपी नालंदा जिले के रहने वाले हैं। जानकारी अनुसार ईओयू की टीम ने रविभूषण की तलाश में नेपाल तक दबिश दी थी। अब गिरफ्तारी के बाद टीम पटना और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी कर रही है, ताकि गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।

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अयोध्या इंफोसोल बना था फर्जीवाड़े का कमांड सेंटर

सीएचओ की परीक्षा 1 और 2 दिसंबर 2024 को होनी थी लेकिन रविभूषण और उसके गिरोह द्वारा की गई सेटिंग की खबर सामने आने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई। फर्जीवाड़े के लिए भागवत नगर स्थित अयोध्या इंफोसोल ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर को कमांड सेंटर बनाया गया था। परीक्षा माफिया ने अभ्यर्थियों से 4-5 लाख रुपये लेकर सेटिंग की थी। ईओयू अब रविभूषण के करीबी विकास कुमार, अतुल प्रभाकर, आशुतोष रंजन और प्रतीक की तलाश कर रही है। अब तक इस मामले में 38 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

एम्स मंगलागिरी की परीक्षा में भी घोटाले की साजिश

रविभूषण की कंपनी ब्रेनसाइज टेक्नोलॉजी प्रा. लि., जो मुंबई में रजिस्टर्ड है, ने आंध्र प्रदेश स्थित एम्स मंगलागिरी की भर्ती परीक्षा का ठेका भी लिया था। यह परीक्षा 11 से 13 दिसंबर के बीच होनी थी, लेकिन पटना में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद परीक्षा स्थगित कर दी गई। कंपनी के कार्यों को फरार आरोपी अतुल प्रभाकर संभालता था।

वी-शाइन कंपनी से मिलकर रची गई साजिश

जांच में सामने आया है कि रविभूषण और उसके सहयोगी आदित्य ने मिलकर परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी वी-शाइन के साथ मिलकर साजिश रची थी। आदित्य ने अपने लोगों को वी-शाइन का आईडी कार्ड बनवाकर 12 परीक्षा केंद्रों पर बतौर स्टाफ तैनात कर दिया था। इन लोगों ने मॉक टेस्ट के दौरान नेटवर्क में प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन इंस्टॉल कर फर्जीवाड़े की नींव रखी।

पटना में हुई थी दो दिन की ट्रेनिंग

परीक्षा घोटाले को अंजाम देने से पहले पटना के न्यू बायपास स्थित अयोध्या इंफोसोल सेंटर पर दो दिन की ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग का जिम्मा आदित्य ने संभाला था। जिसने पहले खुद भी कई ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों में काम किया था। बाद में रविभूषण ने उसे अपने गिरोह में शामिल कर लिया। जानकारी अनुसार रविभूषण बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सक्रिय था। उसके पटना, भुवनेश्वर, कोलकाता, मुंबई और जमशेदपुर में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र हैं। ईओयू अब उसकी अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों की जांच में जुट गई है।

पटना से अनिल की रिपोर्ट