Bihar News: CM नीतीश ने लाखों जीविका कैडरों को दी बड़ी खुशखबरी, इस दिन खाते में आएगा बढ़ा हुआ मानदेय, इनको मिलेगा लाभ
Bihar News: बिहार के लाखों जीविका कैडरों को सीएम नीतीश ने बड़ी सौगात दी है। सीएम नीतीश ने कैबिनेट बैठक में जीविका कैडरों की मानयदेय बढ़ाने की मंजूरी दी थी। पढ़िए आगे...

Bihar News: बिहार की नीतीश सरकार इन दिनों एक एक बाद एक सौगात दे रही है। इसी कड़ी में अब बिहार 1.4 लाख जीविका कैडरों को जल्द ही बड़ी सौगात मिलने जा रही है। जिससे लाखों जीविका कैडरों की सबसे बड़ी परेशानी दूर हो जाएगी। दरअसल, बिहार सरकार राज्य के एक लाख 40 हजार से अधिक जीविका कैडरों के लिए बढ़े हुए मानदेय के भुगतान की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। सामुदायिक उत्प्रेरक, बुक कीपर और मुख्य बुक कीपर जैसे तीन प्रमुख स्तर के कैडरों को इसका लाभ मिलेगा।
बढ़े मानदेय की प्रक्रिया तय
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि बढ़े हुए मानदेय को लेकर प्रक्रिया तय कर ली गई है और जुलाई माह से इसका लाभ सभी कैडरों को दिया जाएगा। सबसे बड़ी संख्या में मौजूद करीब 80 हजार सामुदायिक उत्प्रेरकों के लिए प्रति दस समूह के आधार पर मानदेय में वृद्धि होगी। अब तक इन्हें प्रति समूह 400 रुपये मिलते थे। जिसे राज्य सरकार ने दोगुना कर 800 रुपये करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार उत्प्रेरकों के मानदेय में प्रत्येक माह 4000 रुपये की वृद्धि होगी।
बुक कीपर और मुख्य बुक कीपर को भी मिलेगा लाभ
राज्य में 12 हजार से अधिक बुक कीपर कार्यरत हैं। जिनका मानदेय प्रति पांच ग्राम संगठनों के आधार पर बढ़ाया जाएगा। इसी प्रकार 1600 से अधिक मुख्य बुक कीपरों को भी बढ़े हुए मानदेय का लाभ मिलेगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन उत्प्रेरकों के पास दस से अधिक समूहों की जिम्मेदारी है। उनका मानदेय भी अधिकतम दस समूहों के आधार पर ही बढ़ाया जाएगा। जिससे एकरूपता बनी रहे।
10 लाख से अधिक जीविका समूह सक्रिय
वर्तमान में बिहार में 10 लाख 65 हजार से अधिक जीविका समूह और 72 हजार ग्राम संगठन कार्यरत हैं। इसके अलावा, अन्य कई जीविका कैडर भी कार्य कर रहे हैं। जिनके मानदेय में भी दोगुना बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 जून को हुई एक समीक्षा बैठक के बाद जीविका कर्मियों का मानदेय दोगुना करने की घोषणा की थी। इसके बाद 24 जून को राज्य कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बढ़े हुए मानदेय का पूरा खर्च राज्य सरकार अपने कोष से उठाएगी। जिस पर सालाना 735 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय आएगा। यह फैसला जीविका से जुड़े कर्मियों की सेवाओं को सम्मान देने और ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
शहरी क्षेत्रों में भी तेजी से हो रहा विस्तार
सरकारी जानकारी के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में भी जीविका समूहों का तेजी से गठन हो रहा है। जिससे जीविका का नेटवर्क अब ग्रामीण से शहरी परिवेश की ओर भी विस्तारित हो रहा है।