Bihar News: 'महिलाओं को बुद्धू बना रहे सीएम नीतीश', पटना में आशा कार्यकर्ताओं का भारी बवाल, सबक सिखा देंगे

Bihar News: राजधानी पटना की सड़कों पर आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर धरना प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सीएम नीतीश के खिलाफ जमकर नारे बाजी भी की।

आशा कार्यकर्ता
आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन - फोटो : social media

Bihar News: राजधानी पटना में आज भारी बवाल देखने को मिला। पटना की सड़कों पर आशा कार्यकर्ता उतर गई और अपनी मांगों को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन की। पटना के इनकम टैक्स गोलंबर से डाक बंगला की ओर आशा कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला गया। उन्होंने अपने प्रदर्शन में नीतीश सराकर के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। नीतीश सरकार के साथ साथ आशा कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी से भी सवाल किया है। हाथों में पोस्टर बैनर लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया है। 

आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन 

आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि, हम लोग एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और इसके बाद हम सभी 5 दिनों के लिए हड़ताल करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 8 माह से आशा को मानदेय नहीं मिला है। 2023 में सरकार ने जो समझौते किए थे उन्हें भी अबतक लागू नहीं किया गया है। विद्यालय रसोइया को 16500 रुपए मिल रहा है उसे बढ़ाकर 10,000रुपए किया जाए। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम लोगों से ऐसे ही काम कराया जाता है वेतन भी नहीं दिया जाता है। हमलोग की मांग है कि हमें 21 हजार रुपए का मानदेय दिया जाए। 

सीएम नीतीश कर रहे दिखावा 

आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि, नारी सशक्तिकरण का नारा लगाने से कुछ नहीं होगा नारियों का सम्मान भी होना चाहिए। सरकार महिलाओं के लिए कुछ नहीं कर रही है। ये सब दिखावा है। नीतीश कुमार महिलाओं को बुद्धू बनाया जा रहा है। आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो फिर वो चक्का जाम करेंगी और अपना आंदोलन और तेज करेंगी। 

आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर कहा कि आशा और फैसिलिटेटरों को न्यूनतम 21 हजार रु मासिक मानदेय की गारंटी करें। उनकी सेवानिवृति की उम्र 65 की जाए। 10 लाख रुपए रिटायरमेंट पैकेज की जाए और आजीवन पेंशन दी  जाए। साथ ही उनका कहना है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित की जाए। साथ ही रसोइयों का मानदेय 1650 रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए। 

पटना से रंजीत की रिपोर्ट