Bihar Politics: सीएम नीतीश को फिर लगा बड़ा झटका, तीन बार विधायक रही नेत्री ने प्रशांत किशोर का थामा हाथ, जानिए बाहुबली कनेक्शन
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश को बड़ा झटका लगा है। सीएम नीतीश के कद्दवर नेता ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। साथ ही जनसुराज का दामन थाम लिया है।

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही समय बचा है। ऐसे में नेताओं का एक पार्टी से दूसरे पार्टी में जाने का सिलसिला शुरु हो गया है। पार्टी के नेता मौजूदा पार्टी पर तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं और पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार को भी बड़ा झटका लगा है। जदयू से तीन बार विधायक रही नेत्री ने प्रशांत किशोर का हाथ थाम लिया है। ये पूर्व जदयू विधायक के साथ साथ बाहुबली नेता देवेंद्र नाथ दुबे की भाभी भी हैं।
तीन बार रहीं जदयू विधायक
दरअसल, चुनाव से पहले चंपारण की राजनीति में सियासी बवाल देखने को मिल रहा है। कभी जेडीयू की कद्दावर नेता रहीं और तीन बार गोविंदगंज सीट से विधायक रह चुकीं मीना द्विवेदी ने जदयू को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अब प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है। बुधवार को पटना में आयोजित कार्यक्रम में पीके ने उन्हें पार्टी का पीला गमछा ओढ़ाकर स्वागत किया और सदस्यता दिलाई।
जदयू से हाल ही में दी थी इस्तीफा
बता दें कि, हाल ही में मीना द्विवेदी ने जदयू से इस्तीफा दिया था। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भेजे त्यागपत्र में पार्टी पर परिवार की लंबे समय से अनदेखी करने का आरोप लगाया था। अब उनके जन सुराज से जुड़ने के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं कि वे 2025 के चुनाव में गोविंदगंज सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं।
पूर्व विधायक का बाहुबली कनेक्शन
मीना द्विवेदी पूर्वी चंपारण के एक बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे चंपारण के चर्चित बाहुबली रहे, जो जेल में रहते हुए भी गोविंदगंज से विधायक बने थे। 1998 में उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनके भाई भूपेंद्र नाथ दुबे विधायक बने। फिर 2005 और 2010 के चुनावों में मीना द्विवेदी ने जदयू से लगातार जीत दर्ज की। हालांकि, 2015 और 2020 में गठबंधन की वजह से जदयू को गोविंदगंज सीट नहीं मिली और उनका टिकट कट गया।
चंपारण में बढ़ेगी मजबूती
जन सुराज पार्टी ने मीना द्विवेदी के आने को बड़ी उपलब्धि बताया है। पार्टी का कहना है कि उनकी एंट्री से चंपारण की राजनीति में संगठन को मजबूती मिलेगी। उनके साथ पूर्वी चंपारण के जिला और प्रखंड स्तर के कई जदयू पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी जन सुराज में शामिल हुए हैं।