12 राज्यों में एसआईआर कराने की घोषणा पर कांग्रेस भड़की, कहा – चुनाव आयोग के फैसले पर भरोसा नहीं, लोकतंत्र की हत्या की प्रयोगशाला बना बिहार

12 राज्यों में एसआईआर कराने की घोषणा पर कांग्रेस भड़की, कहा

Patna - कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने देश में चुनाव आयोग (EC) द्वारा 12 राज्यों में कराए जाने वाले SIR सर्वे पर गंभीर सवाल उठाते हुए अविश्वास जताया है। उन्होंने बिहार के पूर्व में हुए SAR सर्वे का जिक्र किया और कहा कि उस पर उठे सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा था। खेड़ा ने बेहद कड़ा बयान देते हुए आरोप लगाया कि "लोकतंत्र की हत्या का प्रयोगशाला बिहार को बनाया गया है"। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो सर्वे इलेक्शन कमीशन 12 राज्यों में करने जा रहा है, उस पर महागठबंधन को भरोसा नहीं है।

महागठबंधन के चुनावी एजेंडे और नेतृत्व पर बात करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि उनके मेनिफेस्टो (घोषणापत्र) में बिहार के हितों और हकों को पूरी तरह से समाहित किया गया है। डिप्टी सीएम पद के मुद्दे पर, जो मुस्लिम समाज के उम्मीदवार को लेकर पूछा गया था, खेड़ा ने कहा कि महागठबंधन में अलग-अलग सामाजिक वर्ग के लोगों को जगह मिलेगी और वे डिप्टी सीएम बनेंगे, जो गठबंधन की समावेशी रणनीति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री के पटना में रोड शो और कांग्रेस की चुनावी रणनीति के बारे में पूछे जाने पर पवन खेड़ा ने कहा कि इसका जवाब कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की चुनावी सभाओं के माध्यम से देगी। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य वरिष्ठ नेता बिहार चुनाव सभाओं में शामिल होंगे। खेड़ा ने घोषणा की कि राहुल गांधी कल बिहार चुनाव सभा में सम्मिलित होंगे, जिससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री के प्रचार का सीधा मुकाबला करने के लिए अपने शीर्ष नेता को मैदान में उतार रही है।

पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री के छठ पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के विषय पर भी तंज कसा। उन्होंने यमुना नदी की सफाई को लेकर केंद्र सरकार पर दिखावे का आरोप लगाया। खेड़ा ने कहा कि यमुना नदी साफ नहीं है, यही कारण है कि प्रधानमंत्री यमुना के घाट पर छठ पूजा नहीं कर पाए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम के लिए "बिसलेरी का घाट बनाया" गया।

अपने बयान के अंत में, खेड़ा ने चुनौती दी कि अगर यमुना नदी वास्तव में साफ हो गई है, जैसा कि दावा किया जा रहा है, तो कांग्रेस पार्टी उस साफ यमुना नदी को देखना चाहती है। यह बयान छठ पूजा जैसे भावनात्मक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के राजनीतिकरण और पर्यावरणीय मुद्दों पर सरकार को घेरने की कांग्रेस की रणनीति को दर्शाता है।