बिहार में वोट कटौती की साजिश? तेजस्वी यादव का बीजेपी पर हमला, कहा-हर बूथ पर लोकतंत्र को खत्म करने की चाल

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची से नामों की कथित ‘साजिशन कटौती’ को लेकर बड़ा दावा किया है और सीधे-सीधे भाजपा पर लोकतंत्र से खिलवाड़ का आरोप जड़ा है।

बिहार में वोट कटौती की साजिश? तेजस्वी यादव का बीजेपी पर हमला
तेजस्वी यादव का बीजेपी पर हमला- फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही सियासी तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है। विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर राज्य की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। इस बार विपक्ष के निशाने पर है चुनाव आयोग और भाजपा। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची से नामों की कथित ‘साजिशन कटौती’ को लेकर बड़ा दावा किया है और सीधे-सीधे भाजपा पर लोकतंत्र से खिलवाड़ का आरोप जड़ा है।

तेजस्वी यादव ने अपने एक्स  पोस्ट में गणितीय विश्लेषण के माध्यम से एक गंभीर साजिश की ओर इशारा किया है। उन्होंने लिखा, “बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। यदि मात्र 1% मतदाताओं के नाम भी काटे जाते हैं, तो यह आंकड़ा 7.90 लाख तक पहुंचता है। अगर इस संख्या को 243 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित करें, तो औसतन 3,251 मतदाता प्रति सीट प्रभावित होंगे।”

तेजस्वी ने आगे कहा कि यदि प्रत्येक विधानसभा के 320 बूथों में औसतन सिर्फ 10 वोट भी हटाए जाएं, तो यह संख्या सीधे 3,200 तक पहुंचती है—जो किसी भी सीट के चुनावी परिणाम को पलटने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए बताया कि 3,000 वोटों से कम अंतर से क्रमशः 15 और 35 सीटों पर जीत-हार तय हुई थी। वहीं, 5,000 वोटों से कम अंतर वाली सीटों की संख्या 2015 में 32 और 2020 में 52 थी।

तेजस्वी का दावा है कि भाजपा इन्हीं सीटों को निशाना बना रही है और चुनिंदा समुदायों, वर्गों और क्षेत्रों से वोटरों के नाम योजनाबद्ध तरीके से हटवाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि यह केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक “राजनीतिक एजेंडे के तहत लोकतांत्रिक अधिकारों की कटौती” है।

उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा कि “हम सतर्क हैं। हमारे कार्यकर्ता हर बूथ, हर घर तक पहुंचेंगे और भाजपा की इस बदनीयत साजिश का पर्दाफाश करेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।”

तेजस्वी यादव का यह बयान राज्य में राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर रहा है। अब निगाहें चुनाव आयोग और भाजपा की ओर हैं—क्या इस आरोप का कोई जवाब आएगा, या यह मुद्दा आगामी चुनावों का बड़ा सियासी हथियार बनेगा?