Corona virus : पटना में फिर दस्तक दे रहा कोरोना, सक्रिय मरीजों की संख्या पहुँची 40, निजी लैबों में बढ़ती जांच से खुल रही सच्चाई की परतें
Corona virus: कोरोना की मद्धिम लेकिन चुपचाप बढ़ती उपस्थिति एक चेतावनी स्वरूप संकेत है कि महामारी पूरी तरह अलविदा नहीं हुई है।

Patna:एक ओर जहाँ देश कोरोना की भयावह लहरों को पीछे छोड़ सामान्य जीवन की ओर लौटने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर संक्रमण की मद्धम होती चिंगारी फिर से सुलगती प्रतीत हो रही है। पटना में मंगलवार को कोविड-19 के तीन नए मामले सामने आए हैं, जो कि कंकड़बाग स्थित एक निजी लैब में की गई जांच के बाद पुष्ट हुए।सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार के अनुसार, अब जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 64 हो गई है, जिनमें से 40 मरीज सक्रिय हैं। यह स्थिति एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या सावधानी की जगह लापरवाही ने ले ली है?
निजी लैबें कर रहीं खुलासा, सरकारी अस्पतालों में सुस्ती:
कोरोना संक्रमण के नए मामलों का अधिकांश खुलासा निजी लैबों में हो रही जांच से हो रहा है, जबकि पीएमसीएच जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में अब तक किसी मरीज की जांच नहीं हो पाई है।
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार बताते हैं कि लक्षण दिखने पर पहले रैपिड किट से जांच होती है और यदि वह पॉजिटिव आता है, तो आरटी-पीसीआर से पुष्टि कराई जाती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि प्राथमिक लक्षणों को नज़रअंदाज करने की प्रवृत्ति अभी भी बनी हुई है।
बढ़ती चिंताएं, दो और मौतें
उधर, दक्षिण भारत से भी चिंताजनक खबरें आ रही हैं। कर्नाटक में सोमवार को कोरोना से दो और मौतें हुई हैं, जिससे राज्य में कोविड से मृत्यु का आँकड़ा 11 तक पहुँच चुका है।बेलगावी की 51 वर्षीय महिला जो अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थीं, ने 8 जून को दम तोड़ा। वहीं, दक्षिण कन्नड़ जिले के 79 वर्षीय बुजुर्ग की कोविड निमोनिया से मौत हुई। उल्लेखनीय है कि दोनों को कोरोना रोधी टीका लगाया गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि टीकाकरण के बावजूद भी सावधानी की आवश्यकता बनी हुई है।
बहराहल कोरोना की यह मद्धिम लेकिन चुपचाप बढ़ती उपस्थिति एक चेतावनी स्वरूप संकेत है कि महामारी पूरी तरह अलविदा नहीं हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते मौसम, सार्वजनिक स्थलों पर अनुशासनहीनता और समय पर जांच में कोताही इसके पुनरुत्थान का कारण बन सकते हैं।