Bihar Coronavirus: बिहार के पड़ोसी राज्य UP में कोरोना ने फैलाए पैर! मगर सूबे में जांच को लेकर सरकार ने अभी तक नहीं जारी किए निर्देश
Bihar Coronavirus: कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट भारत के 12 राज्यों में दस्तक दे चुका है, लेकिन बिहार में अब तक RTPCR जांच शुरू नहीं हुई है। जानिए पटना में जांच की स्थिति, JN.1 के लक्षण, और किन लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

Bihar Coronavirus: भारत के 12 राज्यों में कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट पहुंच चुका है, जिनमें महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। लेकिन बिहार की राजधानी पटना में अब तक RTPCR जांच शुरू नहीं हुई है। मामले पर डॉ. कृष्णा पांडेय (RMRIMS): अभी संस्थान में JN.1 की जांच नहीं हो रही है। डॉ. अविनाश कुमार सिंह (सिविल सर्जन, पटना): जांच को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं मिली, वैक्सीनेशन और संक्रमण के कारण लोगों में इम्यूनिटी मौजूद है।
पड़ोसी राज्यों से संक्रमण का खतरा
केरल, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्य जहां JN.1 फैल चुका है — वहीं से लोग प्रतिदिन पटना आ रहे हैं।ऐसे में स्थानीय संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए। WHO ने JN.1 को "Variant of Interest (VOI)" घोषित किया है, यानी यह वैरिएंट है। ये तेजी से फैल सकता है। हल्के से मध्यम लक्षण उत्पन्न कर सकता है। विशेषकर LF.7 और NB.1.8 सब-वैरिएंट तेजी से प्रसार कर रहे हैं हालांकि इसे Variant of Concern (VOC) नहीं कहा गया है, यानी यह अभी तक गंभीर महामारी के रूप में चिन्हित नहीं हुआ है।
JN.1 के लक्षण: जानिए कब सतर्क हो जाएं
डॉ. अजय कुमार सिन्हा (NMCH नोडल अधिकारी) के अनुसार, JN.1 के लक्षण पुराने कोविड वेरिएंट्स जैसे ही हैं, लेकिन ये लक्षण हल्के बदलावों के साथ सामने आ सकते हैं:
प्रमुख लक्षण:
बुखार, खांसी, गले में खराश
थकान, मांसपेशियों में दर्द
सिरदर्द, दस्त, भूख में कमी
गंध और स्वाद में कमी
नींद न आना, आंखों में जलन
पाचन तंत्र की समस्याएं
किन लोगों को बरतनी चाहिए खास सावधानी?
बुज़ुर्ग लोग
मधुमेह, थायराइड, हृदय रोगी
गर्भवती महिलाएं
जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज़ नहीं ली
COVID से बचाव: क्या करें, क्या न करें
करना चाहिए
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।
सर्दी-जुकाम के मरीजों से दूरी बनाएं।
नियमित रूप से हाथ धोएं।
बूस्टर डोज लेने पर विचार करें, खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग।
नहीं करना चाहिए
बिना जांच या लक्षणों के अनदेखा न करें।
अफवाहों पर ध्यान न दें, केवल सरकारी गाइडलाइन को मानें ।