Mokama Murder:दुलारचंद हत्याकांड में CID की सख़्ती बढ़ी, मिट्टी खंगाली, झाड़ियाँ छानी, फिर भी नही मिला बुलेट
Mokama Murder: दुलारचंद यादव हत्याकांड ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है। इसी बीच, CID ने अपनी जांच की रफ्तार तेज करते हुए भदौर थाना क्षेत्र के बसावनचक में उस स्थान पर दोबारा पहुँची, जहाँ दुलारचंद की मौत हुई थी।
Mokama Murder: दुलारचंद यादव हत्याकांड ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है। इसी बीच, CID ने अपनी जांच की रफ्तार तेज करते हुए भदौर थाना क्षेत्र के बसावनचक में उस स्थान पर दोबारा पहुँची, जहाँ दुलारचंद की मौत हुई थी। स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर 3 घंटे से अधिक का सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जमीन को मेटल डिटेक्टर से खंगाला गया, मगर हैरानी की बात यह रही कि ज्वाइंट एंकल में लगी गोली का खोखा अब तक नहीं मिला। जांच एजेंसियों के लिए यह बड़ा सवाल बन गया है।
जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी को लेकर गिरफ्तारी की चर्चा जोर पकड़ रही थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार फिलहाल गिरफ्तारी की कोई तत्काल कार्रवाई नहीं हो सकती। पुलिस का कहना है कि पूरा इन्वेस्टिगेशन होने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा।संभावना जताई जा रही है कि थाने से ही नोटिस देकर रिलीज किया जा सकता है।
हालाँकि भदौर थाना प्रभारी ने यह जरूर स्पष्ट किया कि गाड़ी का शीशा तोड़ने जैसे गंभीर मामलों में पीयूष प्रियदर्शी पर भदौर थाने में अलग केस दर्ज है और इस मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है।अब तक इसी केस में 7 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।बाढ़ के SDPO-2 अभिषेक सिंह ने बताया कि यह केस सिर्फ एक एंगल से नहीं, बल्कि कई बिन्दुओं से जांच के घेरे में है।उन्होंने कहा कि कंबाइन टेक्निकल ऑपरेशन जारी है। जैसे ही ठोस साक्ष्य मिलेंगे, दोषियों पर कार्रवाई होगी। इन्वेस्टिगेशन चल रहा है।वहीं SDPO-1 ने साफ शब्दों में कहा कि मेरे क्षेत्र में पीयूष प्रियदर्शी के नाम से कोई केस दर्ज नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल अभी भी यहीं है कि गोली किसने चलाई?पूरे इन्वेस्टिगेशन के बावजूद पुलिस और CID अभी तक इस पर क्लियर स्टैंड नहीं ले पाई है कि गोली किसने चलाई?मामले को और पेचीदा बनाते हुए, पुलिस इस संभावना पर भी काम कर रही है कि एक से अधिक हथियार या वाहन शामिल हो सकते हैं। कई लोगों से संदेह के आधार पर पूछताछ जारी है।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो फुटेज सामने आए हैं। CID इन सभी को डिजिटल सबूत के रूप में कलेक्ट कर रही है। यह फुटेज टाइमलाइन, लोकेशन और आरोपी की पहचान में अहम कड़ी साबित हो सकती हैं।अब पूरा मामला तकनीकी जांच, डिजिटल एनालिसिस और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर टिक गया है।
सवाल वही है कि दुलारचंद को गोली किसने मारी?किस गाड़ी से धक्का लगा?जाँच तेज़ है, आरोपों की सियासत गरम है, और जनता जवाबों का इंतज़ार कर रही है।