पीके को हो सकती है एक साल की जेल! दो वोटर आईडी रखने पर प्रशांत किशोर की बढ़ी मुश्किलें, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

पीके को हो सकती है एक साल की जेल! दो वोटर आईडी रखने पर प्रशा

Patna - बिहार की राजनीति से जुड़े एक बड़े घटनाक्रम में, जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ सदस्य प्रशांत किशोर को एक से अधिक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के मामले में नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस निर्वाची पदाधिकारी, 209-करगहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सह-भूमि सुधार उप समाहर्ता, सासाराम द्वारा जारी किया गया है।

नोटिस का क्रमांक पत्रांक-359/निर्वा० है और यह दिनांक 28/10/2025 को जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि दैनिक समाचार पत्र 'द इंडियन एक्सप्रेस' (कोलकाता-पटना संस्करण, दिनांक 28.10.2025) में प्रकाशित खबर के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार राज्य की निर्वाचक सूची के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में भी दर्ज है।

निर्वाची पदाधिकारी ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि प्रकाशित खबर के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर निर्वाचन क्षेत्र संत हेलेन स्कूल, बैरोनीशहर के मतदान केंद्र में उनका नाम दर्ज है। वहीं, बिहार में उनका नाम 209-करगहर विधान निर्वाचन क्षेत्र के भाग संख्या-367 (मध्य विद्यालय, कोनार, उ० भाग) क्र०सं०-621 में मतदाता पहचान संख्या IJJ123718 के साथ दर्ज है।

नोटिस में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा-17 का उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार एक व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक रजिस्ट्री में पंजीकृत नहीं किया जा सकता। इस उल्लंघन की स्थिति में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा-31 के तहत एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

निर्वाची पदाधिकारी ने प्रशांत किशोर को निर्देश दिया है कि वह एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में अपने नाम की प्रविष्टि के संबंध में सात दिनों के अंदर अपना पक्ष रखें और स्थिति को सुनिश्चित करें। यह नोटिस बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जन सुराज पार्टी के एक प्रमुख चेहरे के लिए एक बड़ी कानूनी और राजनीतिक चुनौती पेश करता है।

जनसुराज ने दिया जवाब

इधर जनसुराज ने पीके के दो वोटर आईडी रखे जाने पर जवाब दिया है। पार्टी प्रवक्ता विनोद तिवारी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर का नाम केवल बिहार के रोहतास जिले के पैतृक गांव कोनार में है। बंगाल वाले वोटर कार्ड को उन्होंने पहले ही रद्द करवा दिया है और इसकी रिसीविंग चुनाव आयोग से ले ली थी। चुनाव आयोग की गलती से भ्रम फैलायाजारहाहै।