Bihar Flood: बिहार में बाढ़ का ताडंव, 19 लाशें, पटना में नौ लोगों की मौत, 10 लाख बेघर, 13 जिलों में मातम

Bihar Flood: गंगा का जलस्तर पटना से फरक्का तक इस तरह उफन रहा है जैसे सदियों का रोष एक साथ उमड़ आया हो। इस त्रासदी में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है ।...

Flood havoc in Bihar
बिहार में बाढ़ का ताडंव- फोटो : social Media

Bihar Flood: बिहार की धरती पर मानो आसमान ने अपने आँसू अनवरत बहा दिए हों और नदियों ने अपनी हदें तोड़ दी हों। गंगा, कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, महानंदा, परमान और कमला बलान  सभी जलधाराएँ इस कदर मचल उठी हैं कि 13 जिलों की दो सौ से अधिक पंचायतें जलमग्न हो गईं। करीब दस लाख से ज़्यादा लोग इस क़ुदरती आफत में घिर चुके हैं, मानो ज़िन्दगी और मौत के बीच एक पतली डोर पर लटके हों।

इस त्रासदी में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है । सबसे अधिक नौ मौतें पटना में, चार भागलपुर में, बाक़ी भोजपुर, लखीसराय, बेगूसराय, गया और कैमूर में। सड़कों पर नदियों का पानी फैल जाने से गाँव और शहर के बीच का संबंध टूट चुका है। एनएच-80, एनएच-30ए समेत कई राजमार्ग अब पानी के रास्ते बन गए हैं।

गंगा का जलस्तर पटना से फरक्का तक इस तरह उफन रहा है जैसे सदियों का रोष एक साथ उमड़ आया हो। पटना और कहलगांव में यह खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है। पुनपुन और सोन भी उग्र रूप में हैं, जबकि कोसी, गंडक और बागमती अपने किनारे लांघ चुकी हैं। खगड़िया में गंडक का पानी एनएच-31 तक घुस आया है और लोहिया नगर, कृष्णापुरी की गलियाँ अब नदी का हिस्सा बन चुकी हैं।

भागलपुर की 38 पंचायतें, पटना की 22, समस्तीपुर की 20 और मुंगेर की 15 पंचायतें सबसे अधिक प्रभावित हैं। भागलपुर के गोपालपुर, इस्माइलपुर और सुल्तानगंज में गाँव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। मुंगेर में सवा लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं, जबकि पटना और वैशाली में हज़ारों लोग बांधों पर पनाह ले रहे हैं।

कटिहार के कुरसेला, बरारी, मनिहारी और अमदाबाद में 60 हज़ार से अधिक लोग जलजाल में फँस चुके हैं। मधुबनी के मधेपुर प्रखंड में भूतही बलान का पानी सड़कें काट रहा है, पानापुर-बाउघाट रोड के पुल पर तीन फीट पानी बह रहा है। बेगूसराय का सिमरियाघाट, नमामि गंगा घाट और श्मशान घाट तक डूब चुके हैं।

भोजपुर के शाहपुर, बड़हरा और बिहिया में तो हालात ऐसे हैं कि सड़कों पर नावें चल रही हैं। कहीं मवेशियों का चारा ख़त्म हो चुका है, तो कहीं पीने के पानी के लिए लोग कतारों में खड़े हैं। खेतों की फसलें जलसमाधि ले चुकी हैं, घरों की दीवारें पानी के थपेड़ों से ढह रही हैं और बच्चे बूढ़े सब एक ही सवाल में डूबे हैं ये पानी कब थमेगा?