Patna high court : पटना हाई कोर्ट और सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, 8 से 10 लाख रुपए में हुआ था सौदा, तीन साइबर ठग गिरफ्तार

बेरोजगार युवकों को पटना हाई कोर्ट, सचिवालय आदि में प्यून की नौकरी दिलाने के नाम पर 8 से 10 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी ठगी करने करने का एक मामले सामने आने पर साइबर पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

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Patna high court- फोटो : news4nation

Patna high court :पटना हाई कोर्ट और सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले तीन साइबर ठगों को पटना पुलिस ने गिरफ्तारी किया है. साइबर ठगों ने पटना हाई कोर्ट और सचिवालय की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा दिया था. यहां तक की बेरोजगार अभ्यर्थियों से 8 से 10 लाख रुपए लिए गए और उन्हें दो महीने की ट्रेनिंग भी दी गई. पटना साइबर डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को इस फर्जीवाड़ा का उद्भेदन करते हुए बताया की इस मामले में तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है. करीब 50 के आसपास लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया. 


उन्होंने बताया कि सबसे पहले पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा एक मामला दर्ज कराया गया था. उसके बाद सचिवालय के नाम पर भी इसी प्रकार से हुई ठगी का मामला दर्ज कराया गया. साइबर पुलिस की जांच में पाया गया कि ठगों ने  पटना हाई कोर्ट की फर्जी वेबसाइट बनाकर झांसा दिया था. उन्होंने बेरोजगार अभ्यर्थियों को 8 से 10 लाख रुपए लेकर हाई कोर्ट में प्यून की जॉब दिलाने के नाम पर झांसा दिया. इसी तरह कुछ लोगों को सचिवालय के नाम पर झांसा दिया गया. 


दो महीने दी ट्रेनिंग 

डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट की फर्जी वेबसाइट से ही मेल भेजा जाता था. उन्हें बताया गया कि दो महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी उसके बाद पोस्टिंग होगी. ट्रेनिंग के दौरान अभ्यर्थियों को वेतन भुगतान भी किया गया. इसमें उनके पे-स्लिप पर भी हाईकोर्ट का जिक्र होता था. लेकिन दो महीने के बाद जब पोस्टिंग नहीं मिली तब अभ्यर्थियों को संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. 

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हाईकोर्ट के अंदर से खेला 

जॉब के नाम पर ठगी के इस खेल में पटना हाईकोर्ट के अंदर से ही धोखाधड़ी करने का संदेह सामने आया है. डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि हाई कोर्ट परिसर में एक प्राइवेट कम्पनी सतीश नामक आदमी द्वारा चलाया जा रहा था. इस कम्पनी का काम हाईकोर्ट के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का काम करना है. जिन लोगों को प्यून की नौकरी के नाम पर ठगा गया उन्हें इसी जगह को दिखाया गया था जिससे उन्हें लगे कि यहां हाईकोर्ट का काम होता है. लेकिन दो महीने के बाद उन्हें पता चला की वे ठगी के शिकार हो गए थे. पुलिस ने बताया की निजी कम्पनी के कार्य पर भी संदेह है. इसकी जांच आगे की जाएगी. 


तीन ठगों गिरफ्तार 

पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. उनकी पहचान अविनाश और पवन के रूप में हुई है. in लोगों पर करीब 50 लोगों को शिकार बनाने का आरोप है जिनसे 8 से 10 लाख रुपए लिए गए थे. इनसे मोबाइल फोन और लेपटॉप मिला. इसमें फर्जी हाईकोर्ट और सचिवालय के साथ ही रेलवे की फर्जी वेबसाइट है.  

अनिल की रिपोर्ट 

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