Iran-Israel War: अमेरिका के हमले के विरोध में ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद करने का किया ऐलान, भारत पर देखने को मिल सकता है असर, जानें क्या होंगे परिणाम
Iran-Israel War: अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का फैसला लिया है। यह जलडमरूमध्य वैश्विक तेल आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसके बंद होने से दुनियाभर में महंगाई बढ़ सकती है।

Iran-Israel War: ईरान की संसद ने अमेरिका द्वारा तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के जवाब में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। हालांकि अंतिम निर्णय अब सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के पास है, लेकिन यह कदम दुनिया के लिए चेतावनी जैसा है। मेजर जनरल कोवसारी के अनुसार, यह प्रस्ताव ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है और इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए।
इसके बंद होने से तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकती है। कच्ची तेल की कीमत $120/बैरल से ऊपर जा सकती हैं। वैश्विक और शिपिंग और इंश्योरेंस महंगा हो सकता है। अमेरिका, सऊदी अरब, चीन और यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया से युद्ध का दायरा बढ़ सकता है।
क्या है स्ट्रेट ऑफ होर्मुज और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज एक संकरा लेकिन रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है जो अरब सागर को फारस की खाड़ी से जोड़ता है। यह जलडमरूमध्य दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति का सबसे अहम मार्ग माना जाता है।वैश्विक कच्चे तेल का 20% से अधिक इसी रास्ते से होता है ट्रांसपोर्ट। प्रतिदिन लगभग 17 मिलियन बैरल तेल इसी मार्ग से गुजरता है। 88% फारस की खाड़ी के तेल निर्यात को इसी रास्ते से होकर जाना होता है। साथ ही, दुनिया की एक तिहाई LPG (लिक्विड पेट्रोलियम गैस) भी इसी रास्ते से जाती है।
भारत पर प्रभाव
भारत ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़ी हद तक मिडिल ईस्ट पर निर्भर है। यदि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होता है कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आएगा। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे। महंगाई में इजाफा और रुपया कमजोर हो सकता है। भारत का चालू खाता घाटा भी बढ़ने की आशंका हालांकि, भारत सरकार ने आपातकालीन रणनीतियां तैयार कर रखी हैं और मंत्री हरदीप पुरी ने बयान दिया है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
क्या वाकई होर्मुज को बंद कर सकता है ईरान?
कानूनी रूप से ईरान के पास ऐसा अधिकार नहीं है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग को अवरुद्ध करे। परंतु, सैन्य बल का उपयोग कर इसे अवरुद्ध किया जा सकता है। इस पर अमेरिका और सहयोगी सेनाओं की कड़ी प्रतिक्रिया तय मानी जा रही है। होर्मुज को बंद करने का मतलब होगा — ईरान खुद अपने तेल का भी निर्यात नहीं कर पाएगा, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है।