Bihar News: बिजली संकट से निपटने में बिहार का बड़ा कदम, खुले बाजार से खरीदी जाएगी महंगी बिजली, उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बोझ?
Bihar News::पटना में बिजली की किल्लत से हाहाकार के बीच बिहार की जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने एक ऐतिहासिक लेकिन महंगा फैसला लिया है।

Bihar News:पटना में बिजली की किल्लत से हाहाकार के बीच बिहार की जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने एक ऐतिहासिक लेकिन महंगा फैसला लिया है। कंपनी अब खुले बाजार और डीप पोर्टल से बिजली खरीदेगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है। इस मंजूरी के बाद कंपनी सितंबर 2025 तक अपनी जरूरत के अनुसार बाजार से बिजली खरीदेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब बिहार को चार नई बिजली इकाइयों से मिलने वाली 1820 मेगावाट बिजली की आपूर्ति में देरी होने की आशंका जताई जा रही है।
नई इकाइयां अटकीं, बाजार का रुख!
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इस साल बिहार को नॉर्थ कर्णपुरा, बक्सर की चौसा की दो इकाइयां और बाढ़ स्टेज-1 की तीसरी इकाई से कुल 1820 मेगावाट बिजली मिलने वाली थी। ये इकाइयां मई-जून 2025 में शुरू होने वाली थीं, लेकिन तकनीकी और अन्य दिक्कतों के चलते इनके शुरू होने में देर हो सकती है। इसी संभावित कमी को पूरा करने के लिए कंपनी ने डीप पोर्टल और ओपेन एक्सचेंज मार्केट से बिजली खरीदने का कठिन निर्णय लिया है।
बिजली खरीद पड़ेगी दोगुनी महंगी!
कंपनी ने मार्च 2025 में ही आयोग को अर्जी देकर बाजार से बिजली खरीदने की इजाजत मांगी थी, जिसमें नई इकाइयों में हो रही देरी का हवाला दिया गया था। आयोग की मंजूरी के बाद अब कंपनी जुलाई में 9.68 रुपये प्रति यूनिट, अगस्त में 9.84 रुपये प्रति यूनिट, और सितंबर में 9.79 रुपये प्रति यूनिट की दर से डीप पोर्टल से बिजली खरीदेगी। चौंकाने वाली बात यह है कि ओपेन एक्सचेंज से अचानक बिजली खरीदने पर यह लागत 11-12 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती है, जो सामान्य दर से दोगुनी से भी ज्यादा है!
बिहार में बिजली की रिकॉर्ड तोड़ मांग!
बिहार में इस साल बिजली की मांग आसमान छू रही है। अब तक अधिकतम 8005 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज की गई है, और अनुमान है कि यह आंकड़ा 9000 मेगावाट तक जा सकता है। सामान्य दिनों में भी रोजाना लगभग 7000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। इस बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए कंपनी पहले भी बाजार से बिजली खरीदती रही है, और इस साल भी यह सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन महंगी कीमत पर।
कंपनी का दावा - निर्बाध बिजली आपूर्ति ही लक्ष्य!
बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अपनी याचिका में साफ कहा था कि बिहार के लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक बिजली मुहैया कराने के लिए बाजार से बिजली खरीदना अपरिहार्य है। कंपनी का यह कदम बेशक बिजली की कमी को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, लेकिन यह भी दिखाता है कि बिहार में बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है, भले ही इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़े।यह फैसला बिहार के लिए एक अहम कदम है, जो शायद बिजली की उपलब्धता तो सुनिश्चित करेगा, लेकिन इस महंगी बिजली का बोझ आखिरकार बिहार के आम उपभोक्ताओं पर कितना पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या सरकार इस बढ़ी हुई लागत को खुद वहन करेगी या फिर आम जनता की जेब पर इसका असर दिखेगा? यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब आने वाले दिनों में ही मिल पाएगा।