High Court: राष्ट्रगान अपमान मामले में CM नीतीश कुमार पर लगे आरोपों के मामलें में सुनवाई पूरी, हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

High Court:पटना हाईकोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तथाकथित राष्ट्रगान के अपमान के आरोपों के मामलें पर सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया।

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CM नीतीश कुमार पर लगे आरोपों के मामलें में सुनवाई पूरी- फोटो : reporter

पटना हाईकोर्ट ने  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तथाकथित राष्ट्रगान के अपमान के आरोपों के मामलें पर सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया।पूर्व में  इस मामलें पर कोर्ट ने बेगूसराय के  न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में  दायर हुई  एक परिवाद पत्र की सुनवाई  ने रोक लगा दिया था।कोर्ट ने परिवादी को नोटिस जारी किया था । 

जस्टिस चन्द्र शेखर झा ने नीतीश कुमार की तरफ से दायर हुई आपराधिक याचिका पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया । 

गौरतलब है कि राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में  आयोजित सेपक टेकरा वर्ल्ड कप के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय तथाकथित अपमान करने के मामलें में उन्हें आरोपी बनाया गया था।इसके उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान बजते वक्त मुख्यमंत्री के हाथ हिलाने का एक वीडियो वायरल हुआ था।

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इस वीडियो को यू ट्यूब पर देख कर एक स्थानीय व्यक्ति विकास पासवान ने  22 मार्च,2025 को बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में एक परिवाद पत्र दायर करते हुए मुख्यमंत्री को आरोपी बनाया था।इस परिवाद पत्र  में मुख्यमंत्री के खिलाफ राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया था । 

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अवकाश में रहने के कारण प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार  ने इस परिवाद पत्र को खुद की अदालत में स्थानांतरित कर सुनवाई करने का आदेश जारी किया था । 

25 मार्च,2025  को इस न्यायिक दंडाधिकारी ने इस मामले में आरोपी बनाए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नीतीश जारी कर 4 अप्रैल,2025 तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था।

नीतीश कुमार की तरफ से पटना हाई कोर्ट में एक अपराधिक विविध बाद दायर कर परिवाद पत्र  को खत्म करने की गुहार लगाई गई।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  की ओर से महाधिवक्ता पी  के शाही ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया था कि पूरा मामला उनके मुवक्किल के खिलाफ बदनीयती से दायर किया गया है,जो अपराधिक कानून का दुरुपयोग है।

उन्होंने कोर्ट को बताया था कि  नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए उक्त परिवाद मामले में निचली अदालत कोर्ट में सुनवाई कर रही है,जो अवैध है।

बिना परिवादी का परीक्षण किए ही मुख्यमंत्री, जो कि लोकसेवक हैं, उनको बतौर आरोपी के रूप में नोटिस निर्गत किया गया था।ये इस संहिता  के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया।

पिछली सुनवाई में जस्टिस झा ने निचली अदालत में मुख्यमंत्री के खिलाफ  दर्ज हुए परिवाद की सुनवाई पर रोक लगा दिया था। साथ ही परिवादी पर नोटिस जारी करने का भी आदेश था।आज कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है।