Bihar Mango price - आम की सही कीमतऔर पैकेजिंग को लेकर उत्पादकों की मांग पर सरकार गंभीर नहीं, हाईकोर्ट में अधूरी रही सुनवाई
Bihar Mango price - बिहार में उत्पादित आम की कीमत और पैकेजिंग को लेकर उत्पादकों की अपील पर पटना हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई आज अधूरी रह गई। मामले में सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

Patna - पटना हाईकोर्ट में राज्य के आम उत्पादकों को उनके फसल का सही कीमत नहीं मिलने और विदेशों में इसके निर्यात के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर कल 27 जून 2025, को सुनवाई की जाएगी। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ अधिवक्ता डा. मौर्य विजय चंद्र की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
राज्य सरकार की ओर से इस सम्बन्ध में एक जवाब दायर किया गया है।इसमें आम उत्पादकों के लिए की जा रही कार्रवाईयों का ब्यौरा दिया गया।इसमें ये कहा गया है कि आम उत्पादकों के लाभ के लिए प्रशिक्षण,बेहतर व वैज्ञानिक प्रबंधन से आम के फसल को बढ़िया किस्मों के लिए तैयार करने तरीके बताये जा रहे है। पिछली सुनवाई मे राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।साथ ही जवाब में आम के फसलों की पैकेजिंग, विदेशों में निर्यात व किसानों को उनके फसलों की अच्छी कीमत प्राप्त हो, इसके लिए कार्रवाई और व्यवस्था की जा रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि इस वर्ष आम उत्पादन करने वाले किसानों के प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था की गयी।आधारभूत संरचना के विकास के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गयी है ।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता डा. मौर्य विजय चंद्र ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने फरवरी,2023 में जिन बिन्दुओं पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी,उन पर राज्य सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी थी।उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर आम का उत्पादन होता है।लेकिन आम उत्पादन करने वाले किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है ।राज्य सरकार की उदासीनता के कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा है।
अधिवक्ता मौर्य ने बताया कि विदेशों में रहने वाले बहुत से भारतीय लोग भारतीय आमों को लेना चाहते है। बेलकुण्डा के निवासी दीपक कुमार, जो अपनी बेटी से मिलने यूएस जा रहे थे उन्होंने उन्हें बुला कर पूछा कि क्या मालदह आम मिल सकता है।उसी तरह ऑस्ट्रेलिया से जीतेश कुमार ने महुआ, वैशाली उन्हें उनके बगीचा का आम भेजने में सहायता करने का अनुरोध किया। सनत झा ने मेलबोर्न से उनसे भागलपुर के विख्यात आम की मांग की।इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीयता स्तर भारतीय,विशेषकर बिहार के आमों की काफी मांग होती है।
उत्तम श्रेणी के आम, लेकिन लागत भी नहीं निकलता
उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य में उत्तम श्रेणी का आम का उत्पादन होता है, लेकिन उन्हें लागत भी मिलना मुश्किल होता है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि इन आमों को विदेशों में निर्यात के लिए आधारभूत संरचना का काफी अभाव है। आम को विभिन्न राज्यों व विदेशों में भेजने की व्यवस्था की जाये,तो आम उत्पादकों को न केवल आम का अच्छा मूल्य मिलेगा,बल्कि विदेशी मुद्रा भी अर्जित किया जा सकता है।
केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से ही इन आम उत्पादकों के आय में वृद्धि होगी,बल्कि अच्छे श्रेणी के आम का उत्पादन होगा।सरकार की सहायता से ही आम उत्पादकों को न सिर्फ अच्छे श्रेणी का आम उत्पादन होगा,बल्कि उनकी आय में भी काफी वृद्धि होगी।