Bihar News: सड़क हादसे में मदद करने वालों के नाम रखें जाएंगे गुप्त, इनाम राशि में बढ़ोतरी, मददगारों को मिलेगा सम्मान, निर्देश जारी
Bihar News:सड़क सुरक्षा और जनसेवा के क्षेत्र में एक अहम राजनीतिक कदम उठाया गया है। अब सड़क दुर्घटना के बाद घायल को अस्पताल पहुँचाने वाले मददगारों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाएगी।

Bihar News: सड़क सुरक्षा और जनसेवा के क्षेत्र में एक अहम राजनीतिक कदम उठाया गया है। अब सड़क दुर्घटना के बाद घायल को अस्पताल पहुँचाने वाले मददगारों (गुड सेमेरिटन) की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाएगी। पुलिस और अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि मददगार की पहचान गुप्त रखी जाए, ताकि जनता में भरोसा और सहयोग की भावना मजबूत हो। यह निर्णय पटना जिला परिवहन कार्यालय ने सोमवार को सभी पुलिस थाना और सरकारी एवं निजी अस्पतालों के लिए जारी की गई गाइडलाइन के जरिए लिया।
निर्देशों के अनुसार, अगर कोई मददगार किसी घायल को अस्पताल पहुंचाता है, तो उससे अत्यधिक पूछताछ या बार-बार बयान नहीं लिया जाएगा। इससे मददगारों को बार-बार झंझट का सामना नहीं करना पड़ेगा और समाज में सहयोग और मानवता की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
यह कदम जनहित और सुरक्षा का संदेश भी देता है। हाल ही में गुड सेमेरिटन कानून में बदलाव किया गया है। पहले जहां अच्छे मददगारों को दस हजार रुपये इनाम मिलता था, अब इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है। यह आर्थिक प्रोत्साहन न केवल मददगारों की हौसला अफज़ाई करेगा, बल्कि जनता में सड़क सुरक्षा और सहयोग की संस्कृति को भी मजबूती देगा।
पटना जिला परिवहन कार्यालय ने इस दिशा में पुलिस प्रशासन के साथ बैठक कर रणनीति बनाई। बैठक में बताया गया कि अधिक से अधिक लोग अच्छा मददगार बनें, इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि समाज में सहयोग और जिम्मेदारी की भावना को राजनीतिक और सामाजिक सरोकार के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए।
विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला 60 मिनट यानी ‘गोल्डेन आवर’ अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसी समय पर अगर सही मदद पहुंचती है, तो जीवन रक्षक साबित होती है।
इस बदलाव से उम्मीद की जा रही है कि सड़क दुर्घटना में मददगारों को सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक प्रोत्साहन मिलेगा। यह नीति न केवल पटना के नागरिकों के लिए राहत का पैगाम है, बल्कि पूरे बिहार में जनसेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से एक नया मोड़ देगी।