Bihar EOU raid: एक और भ्रष्ट अधिकारी पर ईओयू ने कसा शिकंजा, पटना-समस्तीपुर-सीवान में छापेमारी, 6 ठिकानों पर एकसाथ रेड से मचा हड़कंप

Bihar EOU raid: भ्रष्टाचार की काली कमाई का काला खेल एक बार फिर बेनकाब हुआ है। ...

EOU Raids 6 Locations in Patna Samastipur Siwan
एक और भ्रष्ट अधिकारी पर ईओयू ने कसा शिकंजा- फोटो : social Media

Bihar EOU raid: भ्रष्टाचार की काली कमाई का काला खेल एक बार फिर बेनकाब हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई  ने बुधवार को बिहार बिजली विभाग में तैनात सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विवेकानंद के पटना, समस्तीपुर और सीवान स्थित 6 ठिकानों पर एक साथ रेड की। छापेमारी सुबह तड़के से शुरू हुई और देर शाम तक चली।

जांच एजेंसी को जानकारी मिली थी कि इंजीनियर विवेकानंद ने अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति इकट्ठा की है। शुरुआती जांच में ही उनके दानापुर स्थित रूपसपुर काश्यप ग्रीन सिटी के फ्लैट नंबर 601 का पता चला, जो उनके नाम पर है। सूत्रों के मुताबिक, उनके पास 22 अचल संपत्तियों का दस्तावेज़ मिला है। बैंक अकाउंट में भी लगभग 45 लाख रुपये जमा होने की पुष्टि हुई है।

सीवान के आंदर ढाला इलाके में विवेकानंद के तीन ठिकानों पर 30 सदस्यीय टीम ने छापा मारा। हर घर पर 10-10 अफसरों की टीम तैनात की गई। बताया जा रहा है कि इनमें से एक घर में वो खुद रहते हैं जबकि बाकी दो मकान किराए पर दिए गए हैं। छापेमारी के दौरान किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

समस्तीपुर जिले के मुसरीघरारी थाना क्षेत्र स्थित वास्तु विहार फेज-1 में भी सुबह करीब 6 बजे से EOU की रेड जारी रही। यहां 10 सदस्यीय टीम दाखिल हुई और आलमारी, लॉकर व अन्य दस्तावेज़ों की गहन जांच की गई। सूत्रों के मुताबिक, टीम को यहां कैश और जमीन से जुड़े कागजात मिलने की संभावना है।

पटना, समस्तीपुर और सीवान में जब अफसरों की गाड़ियां इंजीनियर के ठिकानों पर पहुंचीं तो इलाक़े में हड़कंप मच गया। पड़ोसियों और आसपास के लोगों की नज़रें पूरे दिन छापेमारी पर टिकी रहीं। सीवान में तो हालात ऐसे थे कि टीम को घर का ताला खुलने के लिए काफ़ी देर इंतज़ार करना पड़ा।

सूत्र बताते हैं कि इंजीनियर विवेकानंद ने नौकरी के दौरान अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ठेकेदारों और वेंडरों से सांठगांठ कर मोटी रकम वसूली। यही पैसा रियल एस्टेट और अन्य सम्पत्तियों में लगाया गया।

EOU की छापेमारी से अब तक यह साफ़ हो चुका है कि मामला मामूली भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि काली कमाई का पूरा साम्राज्य है। टीम ने कई संदिग्ध दस्तावेज़ जब्त किए हैं, जिनकी जांच के बाद रकम का वास्तविक आंकड़ा सामने आएगा।

बिजली विभाग के एक बड़े अधिकारी पर हुई इस कार्रवाई ने पूरे महकमे में हलचल मचा दी है। अब देखना यह होगा कि EOU की जांच आगे और कितने राज़ खोलेगी।