Patna highcourt - 5 साल बाद भी फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को नीतीश सरकार ने स्वतंत्र एजेंसी के रूप के काम करने की छूट, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
Patna highcourt - फोरेंसिक लेबोरेटरी को स्वतंत्र एजेंसी के रूप में काम करने की छूट नहीं देने को लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार ने जवाब मांगा है। बिहार उन राज्यों में शामिल है, जहां अब भी लेबोरेटरी राज्य सरकार को रिपोर्ट करते हैं

Patna - पटना हाईकोर्ट ने राज्य में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को स्वायत संस्था बनाये जाने के सम्बन्ध में राज्य सरकार से जवाबतलब किया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ़ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया।इस मामलें पर अगली सुनवाई जुलाई,2025 में की जाएगी।
याचिकाकर्ता विकास चंद्र उर्फ़ गुड्डू बाबा ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने 5 जून,2020 को सभी राज्यों को पत्र लिखा।इसमें ये कहा गया कि राज्य में जो भी फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी है,वे राज्य सरकार को रिपोर्ट करते है ।केंद्र सरकार ने राज्यों से ये कहा कि जो भी फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी है,उन्हें स्वायतता दी जाये।वे स्वतंत्र जांच एजेंसी की तरह कार्य करें।
विकास चंद्र ने कोर्ट को बताया कि राज्यों ने अपने अंतर्गत कार्य कर रहे फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को स्वायतता दी।उन्हें अपने कार्यो को स्वतंत्र एजेंसी के रूप में कार्य करने की कार्रवाई की। लेकिन लगभग पांच सालों के बाद भी बिहार के फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी स्वतंत्र एजेंसी के रूप में कार्य नहीं कर रही है ।इन्हें भी स्वायतता देते हुए स्वतंत्र एजेंसी के रूप में कार्य करने दिया जाये। इस मामलें पर गर्मी की छुट्टी के बाद फिर सुनवाई की जाएगी।