Heatwave: बिहार में गर्मी का 'हॉट' अलर्ट! आपदा प्रबंधन की अपील—लू से बचें, पानी पिएं, छांव में रहें!
Heatwave: बिहार में बढ़ती गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) ने जनता के लिए विशेष अपील जारी की है।

Heatwave: बिहार में बढ़ती गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) ने जनता के लिए विशेष अपील जारी की है। प्राधिकरण ने गर्मी से बचाव के लिए तमाम सावधानियां और उपाय सुझाए हैं, ताकि लोग इस तपती गर्मी में सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें। अपील में साधारण लेकिन प्रभावी उपायों पर जोर दिया गया है, जो न केवल इंसानों बल्कि पशुओं के लिए भी जरूरी हैं।
गर्मी से फाइट के लिए टिप्स: तैयार रहें, सावधान रहें
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गर्मी से निपटने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
खाली पेट घर से न निकलें: सुबह नाश्ता जरूर करें, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे।
पानी है जीवन का आधार: दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। सफर में पानी की बोतल साथ रखें।
धूप से बचाव: कड़ी धूप में बाहर निकलने से बचें। यदि जरूरी हो, तो गमछा, टोपी या छाता इस्तेमाल करें।
हल्के कपड़े, ठंडी राहत: हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें, जो पसीने को सोखें और शरीर को ठंडक दें।
ठंडी जगह पर रहें: जितना संभव हो, छांव वाली जगहों पर समय बिताएं।
ORS और पेय पदार्थ: ओआरएस (Oral Rehydration Solution), नींबू पानी, आम पना, या नमक-चीनी का घोल पिएं, ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो।
मौसमी फल खाएं: तरबूज, खीरा, संतरा जैसे फल खाएं, जो शरीर को हाइड्रेट रखें।
लू से बचाव: सावधानी है जरूरी
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लू (हीट स्ट्रोक) गर्मी की गंभीर समस्या हो सकती है, जिसके लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
कड़ी धूप में न निकलें: दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें, जब धूप सबसे तेज होती है।
शारीरिक काम सीमित करें: गर्मी में अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही मेहनत करें, ताकि शरीर पर ज्यादा दबाव न पड़े।
सिर को ढकें: गमछा, टोपी या स्कार्फ से सिर को ढककर लू के प्रभाव से बचें।
पशुओं का ध्यान रखें: पशुओं को छांव में रखें और उन्हें नियमित रूप से पानी पिलाएं।
बिहार में मई और जून के महीने में तापमान अक्सर 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है, जिससे लू और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां लोग खेतों में काम करते हैं, और शहरी इलाकों में, जहां मजदूर और रिक्शा चालक धूप में काम करते हैं, गर्मी जानलेवा हो सकती है। प्राधिकरण की यह अपील जनता को जागरूक करने और गर्मी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए है।
IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर रोहित उपाध्याय के अनुसार गर्मी में डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, और थकान आम समस्याएं हैं। नींबू पानी, आम पना, और ओआरएस जैसे पेय पदार्थ शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करते हैं। साथ ही, हल्के रंग के कपड़े गर्मी को कम अवशोषित करते हैं, जिससे शरीर ठंडा रहता है।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की यह अपील न केवल गर्मी से बचाव का रोडमैप है, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है। जनता से अपील है कि इन सुझावों का पालन करें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। गर्मी को हल्के में न लें—पानी, छांव, और सावधानी के साथ इस 'हॉट' मौसम को करें 'कूल'!