Bihar SIR Voter List: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर हुए नामों पर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, आधार की प्रति जमा कर फिर जुड़ सकेगें मतदाता

Bihar SIR Voter List: चुनाव आयोग ने स्थिति साफ करते हुए कहा है कि जिनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटा दिया गया है, वे अपना आधार कार्ड की प्रति जमा कर दोबारा मतदाता सूची में शामिल हो सकते हैं।

Bihar SIR Voter List
नाम वोटर लिस्ट से गायब, फिर आधार से होगी एंट्री- फोटो : social Media

Bihar SIR Voter List:बिहार की सियासत में इन दिनों सबसे बड़ा मुद्दा एसआईआर (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) ड्राफ्ट वोटर लिस्ट है। लाखों मतदाताओं के नाम इस सूची से गायब पाए गए हैं, जिससे राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। अब इस पर चुनाव आयोग ने स्थिति साफ करते हुए कहा है कि जिनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटा दिया गया है, वे अपना आधार कार्ड की प्रति जमा कर दोबारा मतदाता सूची में शामिल हो सकते हैं।

आयोग ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार को पहचान प्रमाण के तौर पर स्वीकार करने का आदेश दिया था। इसी कड़ी में बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने सोमवार को सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि हर बूथ और सरकारी कार्यालय में हटाए गए नामों की सूची स्पष्ट रूप से चिपकाई जाए और लोगों को दावा-आपत्ति की प्रक्रिया की जानकारी दी जाए।

राज्य के 90,712 बूथों पर सोमवार से यह श्रेणीवार सूची चिपका दी गई है। इसमें वे नाम दर्ज हैं, जो पहले मतदाता सूची में थे लेकिन इस बार ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किए गए—जैसे अनुपस्थित मतदाता, स्थायी रूप से स्थानांतरित व्यक्ति, मृतक मतदाता या फिर दोहरी प्रविष्टि वाले नाम। यह सूची प्रखंड, पंचायत और नगर निकाय कार्यालयों में भी सार्वजनिक कर दी गई है ताकि लोग अपने नाम और हटाए जाने के कारण जान सकें।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी मतदाता अगर सूची से असंतुष्ट है तो वह 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति दाखिल कर सकता है। निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी द्वारा इन दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया पात्रता दस्तावेजों के सत्यापन के कम से कम सात दिन बाद ही पूरी होगी।

आयोग की ओर से मतदाताओं से अपील की गई है कि वे अपने ईपिक (EPIC) नंबर से सूची में दर्ज कारण की जांच करें और अगर नाम गलती से हटाया गया है तो तुरंत दावा दर्ज कराएं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि गांव-गांव और वार्ड-वार्ड तक सूचना पहुंचाई जाए, ताकि कोई भी पात्र मतदाता आगामी चुनावों में अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए।इस फैसले के बाद अब मतदाताओं को यह भरोसा मिला है कि आधार के जरिए वे फिर से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते हैं।