First Hydrogen Train: भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन इस दिन से पटरी पर, देखिए अंदर से कैसे दिखती है ट्रेन, रेलमंत्री ने खुद जारी किया वीडियो
First Hydrogen Train: भारत की पहली हाईड्रोजन ट्रेन जल्द ही दौड़ती दिखेगी। हाईड्रोजन ट्रेन कैसी दिखती है इसका वीडियो खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया है...

First Hydrogen Train: भारत में स्वदेशी और टिकाऊ रेल तकनीक का नया अध्याय शुरू होने वाला है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट कर ऐलान किया कि, 'भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन! जल्द आ रही है…'और इसके साथ ट्रेन के कोच, पुर्जों और यूनिट्स का वीडियो साझा किया। हालांकि, उन्होंने समयसीमा का खुलासा नहीं किया। जिससे रोमांच और बढ़ गया। इस पर्यावरण-हितैषी पहल के साथ भारत जर्मनी, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन जैसे देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जो ग्रीन मोबिलिटी में अग्रणी हैं।
‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’योजना
2023 में रेलमंत्री ने राज्यसभा में बताया था कि भारतीय रेल “हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज” पहल के तहत 35 हाइड्रोजन-चालित ट्रेनों का संचालन करेगी। ये ट्रेनें देशभर के हेरिटेज और पहाड़ी रूट्स पर चलेंगी। एक ट्रेन पर लगभग ₹80 करोड़ और प्रत्येक रूट पर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ₹70 करोड़ का खर्च आएगा। हाइड्रोजन ट्रेनें फ्यूल सेल तकनीक से चलेंगी, जिसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से बिजली उत्पन्न होगी और उप-उत्पाद के रूप में सिर्फ जलवाष्प यानी शून्य-उत्सर्जन परिवहन निकलेगा।
पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’
वित्त वर्ष 2023-24 में रेलवे मंत्रालय ने ₹2,800 करोड़ आवंटित किए हैं, ताकि 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल-आधारित ट्रेनों का बेड़ा तैयार किया जा सके। इनकी तकनीकी रूपरेखा रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने तैयार की है। जिससे यह परियोजना पूरी तरह‘मेड इन इंडिया’बन गई है।
Bharat's First Hydrogen Train! 🇮🇳
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 12, 2025
Coming soon… pic.twitter.com/Mtq72zd1Dd
दुनिया में सबसे आगे
भारत की इस हाइड्रोजन ट्रेन की ताकत सबसे अलग है 1200 हॉर्सपावर (HP)। यह क्षमता दुनिया में चल रही हाइड्रोजन ट्रेनों से दोगुनी है, जिनकी शक्ति आमतौर पर 500 से 600 HP के बीच होती है। इसी दिशा में ₹111.83 करोड़ का एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है, जिसमें डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) को हाइड्रोजन फ्यूल सेल से लैस कर हरियाणा के जिन्द सोनीपत सेक्शन पर चलाने की योजना है।
हाइड्रोजन ट्रेन परिचालन खर्च
हालांकि शुरुआत में हाइड्रोजन ट्रेन का परिचालन खर्च अधिक होता है लेकिन ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ यह कम हो जाएगा। यह कदम न सिर्फ ग्रीन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देगा बल्कि स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा के माध्यम से भारत के नेट जीरो कार्बन एमिशन लक्ष्य को हासिल करने में भी अहम योगदान देगा।