काबुल में भारतीय दूतावास शुरू, तालीबान सरकार ने भारत को दिया यह तोहफा, इस प्रोजेक्ट के जल्द पूरा होने की बढ़ी उम्मीद

N4N Desk - एक तरफ पाकिस्तान का अपने दोनों पड़ोसी देशों भारत और अफगानिस्तान के साथ रिश्ता खराब हो रहा है। वहीं अफगानिस्तान के तालिबानी विदेश मंत्री के दौरे के बाद अब भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा दे दिया। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच दोस्ताना और सहयोगी रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में लिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ भारत के उठाए गए कदमों के बाद अफगान सरकार ने भी भारत के लिए जरूरी कदम उठाया है। तालिबान सरकार के उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तापी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट देखने पहुंच गए।
यह वही तापी प्रोजेक्ट है, जिसे 2015 में शुरू किया गया और 2019 में खत्म किया जाना था, लेकिन इसमें दिक्कतें आनी शुरू हो गई।
भारत के लिए महत्वपूर्ण है तापी प्रोजेक्ट
तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत को जोड़ने वाली गैस पाइपलाइन। यह परियोजना के चार देशों (तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत) के शुरुआती अक्षरों से बना है। यह भारत के लिए गेम चेंचर होने वाला है और इस बार तुर्कमेनिस्तान भी पूरी ताकत के साथ इसमें शामिल है।
TAPI प्रोजेक्ट भारत के लिए गेम चेंजर कैसे
यह एक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना है जिसका उद्देश्य तुर्कमेनिस्तान के 'गल्किनीश गैस क्षेत्र' से प्राकृतिक गैस को अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होकर भारत तक पहुँचाना है। इस पाइपलाइन की कुल लंबाई लगभग 1814 किमी. है।इस परियोजना का शिलान्यास 13 दिसंबर, 2015 को तुर्कमेनिस्तान में हुआ था जिसे वर्ष 2019 तक पूरा किया जाना था।
इस प्रोजेक्ट के तहत तुर्कमेनिस्तान के गल्किनीश गैस क्षेत्र से एक पाइपलाइन अफगानिस्तान से होते हुए पाकिस्तान और फिर भारत में आएगी। परियोजना के तहत भारत एवं पाकिस्तान प्राकृतिक गैस का 42-42% हिस्सा तथा अफगानिस्तान 16% गैस खरीदेगा।
चारों देशों ने मिलकर बनाई कंपनी
इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के लिए चारों देशों ने मिलकर एक कंपनी भी बनाई है इस कंपनी का नाम Galkynysh-TAPI पाइपलाइन कंपनी लिमिटेड है. इस प्रोजेक्ट में एशियन डेवलपमेंट बैंक भी पार्टनर है। इस प्रोजेक्ट के तहत, तुर्कमेनिस्तान के Galkynysh गैस फील्ड से गैस की सप्लाई होगी। ये दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी गैस फील्ड है।