Indigo Airline Crisis:इंडिगो का इंजन हुआ फुस्स, हजारों उड़ानें ठप, एयरपोर्ट बने रेलवे स्टेशन, जानें विवाद की वजह
Indigo Airline Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो हवाई संकट में फंसी है, हजार से ज़्यादा उड़ानों की रद्दी, यात्रियों की लंबी कतारें, एयरपोर्ट पर कोलाहल हर तरफ बेचैनी और बेक़रारी का आलम है।
Indigo Airline Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस वक़्त ऐसे भारी हवाई संकट में फंसी है कि एयरपोर्ट्स का मंजर किसी रेलवे स्टेशन की अफरातफरी जैसा दिखने लगा है। हजार से ज़्यादा उड़ानों की रद्दी, यात्रियों की लंबी कतारें, एयरपोर्ट पर कोलाहल हर तरफ बेचैनी और बेक़रारी का आलम है। जो एयरलाइन घरेलू उड़ानों का सबसे बड़ा नेटवर्क चलाती थी, वही अचानक अपने ही बोझ तले दबकर चरमराने लगी। संकट की जड़ एक नहीं, बल्कि कई सिलसिलेवार वजहें हैं।
इंडिगो पहले भी फ्लाइट लेट और छोटी तकनीकी ख़ामियों से जूझती रही थी। लेकिन ताज़ा मुसीबत तब गहराई जब सरकार ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) का नया कानून लागू कर दिया, जिससे पायलटों को थकान से बचाने के लिए अनिवार्य विश्राम देना पड़ा। पहले से ही स्टाफ की कमी झेल रही इंडिगो के लिए यह नियम तूफ़ान में तिनका टूटने जैसा साबित हुआ। बड़ी संख्या में पायलट आराम पर भेज दिए गए और एयरलाइन की उड़ान व्यवस्था चौपट होने लगी।
इस पर भी आफ़त कम नहीं हुई थी कि एयरबस 320 की चेतावनी ने रात की उड़ानों पर रोक जैसा असर डाल दिया। नए नियम रात 12 बजे के बाद लागू होते ही इंडिगो को दर्जनों फ्लाइटें रद्द करनी पड़ीं। यानि एयरलाइन जितनी बड़ी, संकट भी उतना ही विराट।
हालांकि सरकार ने दबाव देखते हुए थोड़ी राहत दी और एक अहम नियम वापस ले लिया, जिससे पायलट रोटेशन में आसानी होगी। इससे इंडिगो को कुछ सांस मिली है, मगर पायलट संघ का ग़ुस्सा अभी ठंडा नहीं हुआ। उनका आरोप है कि इंडिगो मैनेजमेंट ने आने वाली मुसीबत को नजरअंदाज किया और समय रहते भर्ती या तैयारी नहीं की। उल्टा, पहले से कम स्टाफ को और कम कर दिया।
संघ का कहना है कि यह पूरा संकट सिर्फ़ इंडिगो की रणनीतिक नाकामी नहीं, बल्कि यात्रियों और पायलटों की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा है। वहीं, सरकार पर दबाव बनाने की इंडिगो की कथित कोशिश ने इस विवाद को और अधिक सियासी रंग दे दिया है।आसमान में यह उथल-पुथल कब थमेगी, इसका जवाब कोई पुख्ता नहीं दे पा रहा, लेकिन फिलहाल देश का हवाई यात्री वर्ग बेबस, खफा और बेहद परेशान नज़र आ रहा है।