IRCTC Hotel Scam: लालू-राबड़ी और तेजस्वी 7 साल के लिए जाएंगे जेल? IRCTC होटल घोटाला में आज कोर्ट सुनाएगी फैसला, चुनाव से पहले बढ़ेगी मुश्किलें

IRCTC Hotel Scam: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है। आज IRCTC होटल घोटाला में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। अगर दोष साबित होता है तो लालू सहित 5 आरोपियों को 7 साल की जेल हो सकती है।

लालू परिवार
लालू परिवार की बढ़ेगी मुश्किल - फोटो : social media

IRCTC Hotel Scam:  बहुचर्चित IRCTC होटल घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले 29 मई को सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। CBI के अनुसार, रेल मंत्रालय के अधीन आने वाले पुरी और रांची के BNR होटल को IRCTC को ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद इन होटलों के रख-रखाव और उन्नयन के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप

होटल लीज से जुड़ा टेंडर मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया जो कोचर बंधुओं की कंपनी है। आरोप है कि इस प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं बरती गईं। उस समय IRCTC के प्रबंध निदेशक पी.के. गोयल ने यह टेंडर प्रक्रिया पूरी की थी।

लालू परिवार को मिली जमीन

CBI की जांच में सामने आया कि वर्ष 2005-06 में, होटल लीज के बदले पटना में करीब तीन एकड़ जमीन लालू परिवार को मिली। यह जमीन कोचर बंधुओं द्वारा सरला गुप्ता की कंपनी को बेची गई, जिसका स्वामित्व बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी के पास चला गया। बताया गया कि इसी जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा था।

7 साल के लिए जा सकते हैं जेल

17 जुलाई 2017 को CBI ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके तुरंत बाद 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर ट्रायल के दौरान CBI अपने आरोप साबित करने में सफल होती है तो आरोपियों को 7 साल तक की सजा हो सकती है। तेजस्वी यादव वर्ष 2019 से इस मामले में जमानत पर हैं। जिसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंजूरी दी थी। कोर्ट ने राबड़ी देवी को भी जमानत दी थी।

क्या है पूरा मामला 

IRCTC होटल घोटाले से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई है। CBI की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते 2005-06 में, कोचर बंधुओं को रांची और पुरी स्थित IRCTC के दो BNR होटल लीज पर दिलवाए गए और इसके बदले में पटना की बहुमूल्य तीन एकड़ जमीन हासिल की गई। CBI के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं बरती गईं। यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी, मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया। IRCTC के तत्कालीन एमडी पी.के. गोयल ने इस टेंडर प्रक्रिया को अंजाम दिया।

जांच में हुआ खुलासा 

जांच में यह भी सामने आया कि 25 फरवरी 2005 को जिस दिन कोचर ने पटना की बेली रोड स्थित 3 एकड़ जमीन, सरला गुप्ता की कंपनी DMCL (डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड) को मात्र 1.47 करोड़ रुपये में बेची, उसी दिन रेलवे बोर्ड ने IRCTC को BNR होटल्स सौंपे जाने की सूचना दी। यह जमीन एग्रीकल्चर लैंड दिखाकर सर्किल रेट से काफी कम कीमत पर बेची गई और स्टांप ड्यूटी में भी गड़बड़ी की गई।

बेनामी संपत्ति और परिवार को ट्रांसफर

CBI का दावा है कि 2010 से 2014 के बीच यह जमीन लालू यादव के परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट्स को मात्र 65 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दी गई जबकि उस समय सिर्फ सर्किल रेट पर इसकी कीमत लगभग 32 करोड़ रुपये थी और बाजार मूल्य लगभग 94 करोड़ रुपये आंका गया था। वहीं आज इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।