Bihar assembly election - चार पूर्व विधायकों सहित 11 नेताओं को JDU ने पार्टी से निकाला, बागी नेताओं के खिलाफ बड़ा एक्शन

Bihar assembly election - चार पूर्व विधायकों सहित जदयू के बागी नेताओं को नीतीश कुमार के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। सभी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

Bihar assembly election - चार पूर्व विधायकों सहित 11 नेताओं

Patna - जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में अपने कई पूर्व विधायकों और नेताओं सहित 11 लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जेडीयू ने यह कड़ा कदम उन नेताओं के खिलाफ उठाया है जो कथित तौर पर पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध काम कर रहे थे और उनके आचरण को पार्टी के हितों के विपरीत माना जा रहा था। इस कार्रवाई को चुनावी माहौल में अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

निष्कासन के संबंध में पार्टी द्वारा जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि ये नेता विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे, जिससे पार्टी की छवि और चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुँच सकता था। पार्टी विरोधी काम और आचरण के विरुद्ध काम करने के गंभीर आरोपों के आधार पर इन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। जेडीयू आलाकमान ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिन प्रमुख नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया है, उनमें कई अनुभवी और बड़े नाम शामिल हैं। निष्कासित होने वालों में पूर्व मंत्री शैलेश कुमार और पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद का नाम प्रमुख है। इनके अलावा, पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह और पूर्व विधान पार्षद रणविजय सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है। ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छा खासा जनाधार रखते थे और इनका निष्कासन पार्टी के लिए एक जोखिम भरा निर्णय हो सकता है।

निष्कासित होने वाले अन्य प्रमुख चेहरों में पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार और अमर कुमार सिंह शामिल हैं। इन पूर्व विधायकों का पार्टी से बाहर जाना उनकी पुरानी सीटों पर जेडीयू के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। वहीं, पिछले चुनाव में महुआ सीट से जेडीयू की प्रत्याशी रहीं आस्मां परवीन पर भी यह गाज गिरी है। उनकी उम्मीदवारी और फिर निष्कासन को लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है।

इस सूची में शामिल अन्य नेताओं में लव कुमारआशा सुमनदिव्यांशु भारद्वाज और विवेक शुक्ला के नाम भी हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कई नेताओं की नाराजगी का मुख्य कारण उन्हें इस विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलना था। टिकट न मिलने से आहत इन नेताओं ने कथित तौर पर या तो पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का विरोध किया या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कई निष्कासित नेता वास्तव में अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जो जेडीयू के आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं। जेडीयू का यह सामूहिक निष्कासन पार्टी के भीतर व्याप्त असंतोष को उजागर करता है, लेकिन साथ ही यह भी दर्शाता है कि पार्टी नेतृत्व चुनाव से पहले विद्रोहियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतना चाहता। यह कार्रवाई राज्य में चल रहे चुनावी घमासान को और तेज कर सकती है।