Bihar News : बिहार विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर बनाये गए जदयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ

Bihar News : बिहार विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर बनाये गए जदयू

PATNA : बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में नरेंद्र नारायण यादव को बिहार विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के साथ ही, वरिष्ठ विधायक यादव अब नई विधानसभा के विधायी कार्यों को संभालने और नए अध्यक्ष के चुनाव तक सदन की कार्यवाही संचालित करने के लिए अधिकृत हो गए हैं। इस अवसर पर मंत्री विजय चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

समारोह में राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी शिरकत की और प्रोटेम स्पीकर को व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं दीं। उप मुख्यमंत्री ने यादव के विधायी अनुभव और सदन के नियमों की गहरी समझ की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके मार्गदर्शन में नई विधानसभा का पहला सत्र सुचारू रूप से संपन्न होगा और सभी नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण सफलतापूर्वक पूरा किया जाएगा। सम्राट चौधरी ने कहा कि यह पद यादव के लंबे और बेदाग राजनीतिक करियर का सम्मान है।

नरेंद्र नारायण यादव बिहार विधानसभा के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी सदस्यों में से एक हैं। वह जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर लगातार कई बार से विधायक चुने जा रहे हैं। उनके पास विधायी कार्यों को संचालित करने और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच समन्वय स्थापित करने का एक लंबा अनुभव रहा है, जो उन्हें इस अस्थायी लेकिन महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है। उनकी नियुक्ति, संवैधानिक परंपराओं और सदन के वरिष्ठता क्रम के सम्मान को दर्शाती है।

बताते चलें की प्रोटेम स्पीकर का पद एक संवैधानिक आवश्यकता है। प्रोटेम स्पीकर का मुख्य कार्य नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना और सदन को उसका स्थायी अध्यक्ष चुनने में मदद करना होता है। एक बार स्थायी अध्यक्ष का चुनाव हो जाने के बाद, प्रोटेम स्पीकर का पद स्वतः समाप्त हो जाता है। यादव के नेतृत्व में, अगले कुछ दिनों में विधानसभा के सभी 243 सदस्यों का शपथ ग्रहण पूरा किया जाएगा, जिसके बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। यह शपथ ग्रहण समारोह नई सरकार और विधानसभा के गठन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विधानसभा का आगामी सत्र काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, जिसमें सभी विधायकों का शपथ ग्रहण और अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा। नरेंद्र नारायण यादव के अनुभव से सदन को शुरुआती चरण में सही दिशा और मार्गदर्शन मिलने की उम्मीद है, जिससे विधायी प्रक्रियाएँ निर्बाध रूप से चल सकें। यह राजनीतिक स्थिरता और संवैधानिक प्रक्रियाओं के सम्मान को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। 

वंदना की रिपोर्ट