एक किरानी निकाल रहा सरकार का पानी,विभाग के अफसरों का दुलरुआ,कानून ठेंगे पर रखकर बार-बार आता है पटना,ठेकेदारों से वसूली के खेला के पीछे कौन कौन?
विभाग को भेजे गए विस्तृत पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रतिनियुक्ति रद्द होने के बावजूद “प्रभाव और पहुँच” के कारण इन्हें बार-बार पुनः पटना बुलाया जाता है। इनका मूल पदस्थापन जिला किशनगंज है
Bihar News : लघु जल संसाधन विभाग में कार्यरत निम्नवर्गीय लिपिक यानी किरानी कुमार सत्यम की बीते वर्षों में बार-बार पटना स्थित जल भवन के कार्यालय में प्रतिनियुक्ति किए जाने को लेकर विभागीय हलकों में चर्चा तेज है। दस्तावेज़ों के अनुसार, इनके प्रतिनियुक्ति आदेश कई बार निरस्त होने के बाद भी पुनः पटना में ही पदस्थापन किए जाने पर अनेक अधिकारियों ने आपत्ति दर्ज की है।
2016 से लगातार पटना में प्रतिनियुक्ति
उपलब्ध दस्तावेज़ों के अनुसार वर्ष 2016 से 19 सितंबर 2022 तक कुमार सत्यम पटना स्थित लघु जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में प्रतिनियुक्त रहे। प्रशासनिक दृष्टिकोण से इनकी प्रतिनियुक्ति निरस्त होने के बाद भी 28 जुलाई 2023 को इन्हें दोबारा जल भवन, पटना बुलाया गया। पुनः, 17 अक्टूबर 2023 को विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत इनकी प्रतिनियुक्ति फिर निरस्त कर दी गई। इसके बावजूद, 2025 में इन्हें एक बार फिर जल भवन स्थित अभियंता प्रमुख कार्यालय में तैनात किए जाने का उल्लेख दस्तावेज़ों में मिलता है।
“प्रभाव और पहुँच” का खेला !
विभाग को भेजे गए विस्तृत पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रतिनियुक्ति रद्द होने के बावजूद “प्रभाव और पहुँच” के कारण इन्हें बार-बार पुनः पटना बुलाया जाता है। इनका मूल पदस्थापन जिला किशनगंज है लेकिन कुमार सत्यम वर्ष 2016 से अधिकांश समय पटना में जमे हुए हैं। निविदा प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप, ठेकेदारों से मोटी रकम की मांग, तथा संवेदनशील फाइलों से जुड़ी गतिविधियों में अनियमितता जैसी बातें भी शिकायत पत्र में दर्ज हैं। (नोट: इन आरोपों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की गई है।)
सुनील कुमार के साथ बार-बार पदस्थापन
दस्तावेज़ों में यह भी लिखा गया है कि हर प्रतिनियुक्ति के दौरान कुमार सत्यम के साथ अधिकारी के रूप में सुनील कुमार (मुख्य अभियंता, लघु जल संसाधन विभाग) ही पदस्थापित रहते हैं। शिकायत में दावा किया गया है कि यह “सामान्य संयोग नहीं बल्कि विभागीय प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला पैटर्न” हो सकता है।
सुनील कुमार वर्ष 2016 में (मुख्य अभियंता) लघु जल संसाधन विभाग, पटना में थे तब पहली बार कुमार सत्यम डिप्यूटेशन पर आये। इसी तरह सुनील कुमार वर्ष 2016 से 19/09/2022 तक मुख्य अभियंता के कार्यालय (जल भवन, लघु जल संसाधन विभाग, पटना) में रहे। निविदा, भुगतान आदि से संबंधित सभी कार्य सुनील कुमार ही संभालते थे। इस दौरान कुमार सत्यम वहीं रहे। पुनः दिनांक 28/07/2023 को इन्हें मुख्य अभियंता कार्यालय, जल भवन, लघु जल संसाधन विभाग, पटना में प्रतिनियुक्त किया गया। वहीं दिनांक 17/10/2023 को इनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी गई, और इन्हें कार्यालय लघु सिंचाई प्रमंडल/अभियंत्रण विभाग, बिहारशरीफ भेजा गया। बाद में फिर से जल भवन स्थित कार्यालय अभियंता प्रमुख कार्यालय से वर्ष 2025 में प्रतिनियुक्ति किया गया, जो पूर्व की तरह ही प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया को दर्शाता है। यानी जब जब सुनील कुमार रहे तब तब कुमार सत्यम उसी कार्यालय में रहे।
शिकायत में जांच की मांग
शिकायतकर्ता ने विभागीय सचिव से यह अनुरोध किया है कि कुमार सत्यम की प्रतिनियुक्ति “दस वर्षों तक जल भवन में प्रतिबंधित” की जाए। सभी मामलों की गोपनीय जांच समिति गठित कर सत्यता की पुष्टि की जाए। यदि आरोप सही पाए जाएँ, तो विभागीय दंड दिया जाए।