लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार को बड़ी राहत, अदालत ने आरोप तय करने का आदेश टाला, सीबीआई से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बृहस्पतिवार का दिन लालू यादव परिवार के लिए एक तरह से राहत की सांस लेकर आया।
जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बृहस्पतिवार का दिन लालू यादव परिवार के लिए एक तरह से राहत की सांस लेकर आया। दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने आज वह फैसला नहीं सुनाया, जिसका इंतज़ार राजनीतिक गलियारों और कानूनी हलचलों में बड़ी बारीकी से किया जा रहा था। अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, मीसा भारती, हेमा यादव और अन्य मुलज़िमान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश फिलहाल टाल दिया है।
कोर्ट ने सीबीआई को हुक्म दिया है कि पहले सभी आरोपियों का स्टेटस वेरिफिकेशन किया जाए। वजह यह कि केस की कार्रवाई लंबी चली और इस दौरान चार आरोपियों की मौत हो चुकी है। अदालत ने साफ कहा कि जब तक प्रत्येक अभियुक्त की वर्तमान स्थिति दर्ज न हो जाए, आरोप तय करने जैसी संवेदनशील प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। इसी आधार पर अदालत ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी, जब अदालत यह देखेगी कि कौन-कौन आरोप तय करने की प्रक्रिया में शामिल हो सकता है और किसके खिलाफ कार्यवाही स्वतः समाप्त हो चुकी है।
सीबीआई ने 103 लोगों को आरोपी बनाकर चार्जशीट दाखिल की थी यह संख्या ही केस की जटिलता का अंदाज़ा पेश करती है। मगर लंबी कानूनी लड़ाई के दौरान चार अभियुक्तों की मौत होने के चलते अब अदालत को पूरी लिस्ट फिर से जांचने की आवश्यकता पड़ी है।कुल मिलाकर आज का फैसला लालू परिवार के लिए तत्काल राहत तो है, लेकिन घोटाले की फाइल अभी भी अदालत की मेज पर खुली पड़ी है। आने वाली 8 दिसंबर की तारीख ही तय करेगी कि आगे का कानूनी खेल किस दिशा में बढ़ेगा राहत की पटरी पर या कानूनी घेरा फिर कसने की तरफ।