Bihar News:बिहार में विकास के नाम पर महाघोटाला, छठ घाट निर्माण में बिना बोर्ड, बिना एस्टीमेट, प्रखंड स्तर पर खुलने लगीं लूट की परतें

Bihar News:बिहार सरकार भले ही सुशासन, पारदर्शिता और सर्वांगीण विकास का दावा करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कई इलाकों में बिल्कुल उलट तस्वीर पेश कर रही है।

Mega Scam in Bihar Chhath Ghat Works Exposed
बिहार में विकास के नाम पर महाघोटाला- फोटो : reporter

Bihar News:बिहार सरकार भले ही सुशासन, पारदर्शिता और सर्वांगीण विकास का दावा करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कई इलाकों में बिल्कुल उलट तस्वीर पेश कर रही है। मुज़फ़्फ़रपुर जिले के मुरौल प्रखंड से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां विकास के नाम पर योजनाओं में खुली लूट खसोट की शिकायतें तेज़ हो गई हैं।

बिशनपुर श्रीराम पंचायत के विशनपुर गांव स्थित पोखर पर इन दिनों छठ घाट का निर्माण चल रहा है। बताया जा रहा है कि यह कार्य मुरौल प्रखंड प्रमुख के फंड से कराया जा रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि योजना की शुरुआत से ही यहां पूरी तरह अपारदर्शिता बरती जा रही है।

सबसे पहले तो निर्माण स्थल पर कोई कार्ययोजना बोर्ड नहीं लगाया गया।न फंड का विवरण,न लागत,न स्वीकृत राशि,न कार्य की समयसीमा, इन सबके अभाव में ग्रामीणों के मन में संदेह और आक्रोश दोनों बढ़ते गए हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण में उजली गिट्टी,कमज़ोर सामग्री और बिना किसी तकनीकी पर्यवेक्षण का उपयोग किया जा रहा है।

जब स्थानीय लोग मौके पर पहुंचकर एस्टीमेट और DPR के बारे में जानकारी मांगने लगे, तो निर्माण करा रहे लोगों के पास कोई कागज़ नहीं निकला, न ही किसी ने स्पष्ट जवाब दिया। यही बात शक को और पुख्ता करती है कि इस योजना में भारी धांधली और गड़बड़ी की आशंका है। पूरे मामले पर जब मुरौल प्रखंड प्रमुख के पति से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने पुष्टि की कि छठ घाट निर्माण कार्य उनके फंड से चल रहा है।लेकिन उनका यह बयान हैरान करने वाला था कि किस सामग्री का उपयोग हो रहा है, इसकी जांच कराएंगे।

सबसे बड़ा सवाल यहीं से खड़ा होता है कि जिस फंड से काम हो रहा है, उन्हीं को यह नहीं पता कि निर्माण में क्या सामग्री लग रही है?यह स्थिति न केवल प्रशासनिक उदासीनता दिखाती है, बल्कि योजना में बड़े स्तर पर घोटाले की तरफ भी इशारा करती है।मुज़फ़्फ़रपुर की इस घटना ने फिर साबित कर दिया है कि जिला और प्रखंड स्तर पर बिना निगरानी, बिना पारदर्शिता,बिना तकनीकी पर्यवेक्षण के कई योजनाएँ केवल कागज़ी विकास बनकर रह जा रही हैं।स्थानीय लोग अब प्रशासन से ऑडिट, निरीक्षण और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं, ताकि छठ पूजा जैसे पवित्र और जनहित से जुड़े निर्माण कार्यों में लूट खसोट पर रोक लग सके।

रिपोर्टर- मनी भूषण शर्मा