Tej pratap yadav: लालू के लाडले लाल तेजप्रताप यादव ने सुबह-सुबह कर दिया ट्वीट! जानें क्या लिखा ऐसा जिसकी हर तरफ हो रही चर्चा
Tej pratap yadav: तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर कई भावुक और रहस्यमयी पोस्ट साझा कर आरजेडी में अंदरूनी कलह के संकेत दिए हैं।

Tej pratap yadav: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी किसी राजनीतिक सभा में उपस्थिति नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर साझा किए गए भावनात्मक और प्रतीकात्मक पोस्ट हैं। तेज प्रताप ने प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व ट्विटर) पर एक के बाद एक कई ऐसे पोस्ट किए हैं, जो परिवार के भीतर उठते द्वंद्व, राजनीति में विश्वासघात और आत्म-साक्षात्कार की भावना को दर्शाते हैं।
सत्य, महाभारत और राजा हरिश्चंद्र: प्रतीकों के ज़रिए आत्म-अभिव्यक्ति
शनिवार (7 जून) की सुबह तेज प्रताप ने जो पोस्ट साझा किया, उसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से "सत्य के मार्ग" को अपनाने की बात कही। उन्होंने राजा हरिश्चंद्र और महाभारत के पांडवों का हवाला देते हुए लिखा कि सत्य का मार्ग कठिन जरूर है लेकिन अंततः विजय उसी की होती है जो सत्य पर चलता है। यह पोस्ट न केवल आध्यात्मिक था, बल्कि इसका संकेत उन "राजनीतिक जयचंदों" की ओर भी था जिनका उन्होंने पहले उल्लेख किया था।
('सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति होता सदा विजय')
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 6, 2025
हमें सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है पर विजय सदा सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की होती है। राजा हरीश चंद्र ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा प्राप्त किया। पाडवों… pic.twitter.com/N6h2OYcs8o
पहले भी पोस्ट किया इमोशनल मैसेज
इससे पहले उन्होंने एक और प्रेरणादायक वाक्य लिखा था कि "हमारे सभी सपने साकार हो सकते हैं; यदि हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो।इन बातों से यह स्पष्ट होता है कि तेज प्रताप अपने संघर्ष को एक धार्मिक और नैतिक परिप्रेक्ष्य में देख रहे हैं और किसी बड़े मानसिक द्वंद्व से गुजर रहे हैं।
1 जून के ट्वीट्स: पारिवारिक प्रेम और भीतर के विरोधियों पर तीखा प्रहार
तेज प्रताप ने 1 जून को सुबह 5:27 बजे एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता — लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी — के प्रति अपना प्रेम और समर्पण व्यक्त किया। इस पोस्ट में उन्होंने कहा,"भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश... पापा आप नहीं होते तो न ये पार्टी होती और न मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग।"यह संदेश एक साथ कई भावनाओं को व्यक्त करता है कि उनके लिए माता-पिता के प्रति श्रद्धा, पार्टी की जड़ों की याद और राजनीतिक विश्वासघात का स्पष्ट संकेत।
“मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने वालों”: क्या ये इशारा तेजस्वी यादव की ओर है?
1 जून को दोपहर 1:30 बजे किया गया दूसरा ट्वीट राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर गया। तेज प्रताप ने लिखा कि "मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों... कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो, लेकिन खुद कृष्ण को नहीं। यहां "अर्जुन" और "कृष्ण" का प्रतीकात्मक प्रयोग स्पष्ट रूप से महाभारत की राजनीति से प्रेरित है। लेकिन सवाल उठता है — तेज प्रताप के "अर्जुन" कौन हैं? क्या वे अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव की ओर इशारा कर रहे हैं? वह लिखते हैं, "मेरे भाई मम्मी-पापा का ख्याल रखना... जयचंद हर जगह हैं, अंदर भी और बाहर भी।"
तेज प्रताप एक आध्यात्मिक राजनीतिज्ञ?
तेज प्रताप यादव का सार्वजनिक व्यक्तित्व एक साधारण राजनेता से काफी अलग है। कभी भगवान कृष्ण के रूप में रथ पर चढ़ते, कभी शिव की वेशभूषा में साधना करते, और अब अपने पोस्ट्स के माध्यम से धार्मिक प्रतीकों और अध्यात्म से जुड़ी बातें साझा करते हुए वे एक अनोखी राजनीतिक छवि बना रहे हैं।उनके वर्तमान पोस्ट्स यह संकेत देते हैं कि वह केवल राजनीति नहीं, बल्कि एक आत्म-संघर्ष और सत्य की तलाश के मार्ग पर चल रहे हैं। वे खुद को एक ऐसा योद्धा मानते हैं जो 'भीतर और बाहर के जयचंदों' से लड़ रहा है।