लालू यादव ने पोता पोती, नाती-नातिन के साथ मनाया हेलोवीन, चुनावी सरगर्मी के बीच राजद सुप्रीमो की बच्चा पार्टी

Bihar News: बिहार में चुनाव को लेकर सियासी तापमान भले ही हाई है लेकिन मोंथा तूफान के असर से मौसम ठंडा-ठंडा कूल कूल है, इसी बीच लालू यादव अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताते नजर आए हैं।

लालू यादव

Bihar News: बिहार में जहां एक ओर चुनावी सरगर्मी तेज है, चुनाव प्रचार का दौर जारी है। तो वहीं दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू यादव अपने पोता-पोती और नाती नातिन के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं। लालू यादव आज अपने नाती-नातिन और पोता पोती के साथ हेलोवीन मना रहे हैं।

जिसकी तस्वीर लालू यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य ने शेयर की है। इस तस्वीर में तेजस्वी यादव की बेटी कात्यायनी और छोटे बेटे इराज भी हैं। रोहिणी आचार्य ने जो वीडिया शेयर किया है उन वीडियो में लालू परिवार के सभी बच्चे हेलोवीन पार्टी के गेटअप में हैं। 

सभी बच्चे लालू यादव को डराने की कोशिश कर रहे हैं। लालू यादव सभी बच्चों को चॉकलेट बांट रहे हैं। लालू परिवार के बच्चे अलग अलग लुक में हैं जिन्हें देख लालू यादव काफी खुश नजर आ रहे हैं। लालू यादव को बच्चे डरा रहे हैं और बच्चों को लालू यादव भी डरा रहे हैं।

रोहिणी आचार्य ने सभी बच्चों का वीडिया शेयर किया है। तेजस्वी यादव की बड़ी बेटी कात्यायनी भी हेलोवीन पार्टी के गेटअप में हैं और तेजस्वी के छोटे बेटे इराज अपनी बुआ की गोद में खेल रहे हैं। लालू यादव इराज को लाड लड़ा रहे हैं और चॉकलेट खिलाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इराज काफी खुश नजर आ रहे हैं।

क्यों मनाया जाता है हेलीवीन

जानकारी अनुसार इसकी जड़ें ईसाई हैं, लेकिन अब इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है। इनका मानना था कि इस दौरान जीवित और मृत लोगों के बीच की दीवार छोटी हो जाती है और वे जीवन में वापस आ जाते हैं। इस दिन अपवित्र आत्माओं को खुश करने के लिए, लोगों अलाव जलाते हैं और डरावना मास्‍क पहनते हैं और वैसा ही मेकअप करते हैं। माना यह भी जाता है कि इसकी शुरुआत आयरलैंड और प्राचीन ब्रिटेन में हुई थी। उनके समकालीन कैलेंडर के अनुसार, वर्ष हैलोवीन के साथ समाप्त होता है और नए साल की शुरुआत होती है।

कब मनाया जाता है हेलीवीन

हेलोवीन पार्टी हर साल 31 अक्टूबर को मनाई जाती है, एक ऐसा उत्सव है जो प्राचीन सेल्टिक त्योहार "समहेन" से उत्पन्न हुआ है। इस पार्टी में लोग डरावने वेशभूषा पहनते हैं, भूतिया मेकअप करते हैं, और सजावट करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस रात भूत-प्रेत भटकते हैं, इसलिए लोग डरावने कपड़े पहनकर उन्हें डराने और अपनी आत्माओं के लिए शांति की कामना करते हैं।

पटना से रंजन की रिपोर्ट