Land For Jobs Scandal : नौकरी के बदले ज़मीन, लालू ने तेजस्वी और तेजप्रताप को दिलाई रिश्वत की रजिस्ट्री ,CBI चार्जशीट में गंभीर आरोप

Land For Jobs Scandal : लैंड फॉर जॉब" घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।...

Land For Jobs Scandal
लालू ने तेजस्वी और तेजप्रताप को दिलाई रिश्वत की रजिस्ट्री!- फोटो : social Media

Land For Jobs Scandal :  लैंड फॉर जॉब" घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी ताज़ा चार्जशीट में कई गंभीर और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

CBI का आरोप है कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन ली गई, और यह जमीन तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के नाम 'गिफ्ट' के तौर पर दर्ज करवाई गई।

चार्जशीट के मुताबिक, 14 जून 2005 को बिहार निवासी एक व्यक्ति ने अपने बेटे को रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए अपनी जमीन के दो टुकड़े तेजस्वी और तेज प्रताप यादव को गिफ्ट कर दिए। उस वक्त दोनों नाबालिग थे, इसलिए दस्तावेजों में राबड़ी देवी का नाम अभिभावक के रूप में दर्ज किया गया।

गिरफ्तारियों की तलवार लटकती नजर आ रही है, क्योंकि चार्जशीट में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी, तेजप्रताप, मीसा भारती, हेमा यादव सहित कई लोगों को आरोपी बनाया गया है।

CBI का यह भी दावा है कि इन ज़मीनों की कीमत ₹5,700 के सर्कल रेट पर दिखाई गई, जबकि बाज़ार में उस समय इनकी कीमत कई गुना ज़्यादा थी। चार्जशीट में कहा गया कि कई मामलों में ज़मीन की बिक्री सर्कल रेट से भी कम पर हुई, और बाज़ार मूल्य से 4 से 6 गुना कम भुगतान किया गया।

चार्जशीट में यह भी आरोप है कि लोगों को नौकरी दिलाने के लिए भोला यादव, जो उस समय लालू के करीबी सहयोगी थे, गांव-गांव जाकर लोगों से ज़मीन लेने के लिए कहते थे। बदले में उन्हें रेलवे में नौकरी देने का लालच दिया जाता था।

CBI ने यह भी बताया है कि लगभग सभी मामलों में ज़मीन देने वालों ने दावा किया है कि उन्हें भुगतान "नकद" में किया गया, लेकिन इन लेन-देन का कोई पुख़्ता रिकॉर्ड नहीं मिला। उदाहरण के तौर पर एक जमीन 2008 में ₹4.21 लाख सर्कल रेट होने के बावजूद ₹3.75 लाख में दिखाई गई।

इस घोटाले ने लालू परिवार को एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी संकट में ला खड़ा किया है। तेजस्वी यादव, जो बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में प्रभावशाली विपक्षी नेता हैं, उनके राजनीतिक भविष्य पर भी इस मामले का गंभीर असर पड़ सकता है।