Bihar News : 'लेट्स इन्स्पायर बिहार' ने 'विकसित बिहार संकल्प महासभा' के रूप में मनाया चौथा स्थापना दिवस, लोगों ने बिहार बदलने का लिया सामूहिक संकल्प
Bihar News : 'लेट्स इन्स्पायर बिहार' ने 'विकसित बिहार संकल्प महासभा' के रूप में अपना चौथा स्थापना दिवस मनाया, पटना में आयोजित इस कार्यक्रम में आईपीएस अधिकारी विकास वैभव सहित लोगों ने बिहार बदलने का सामूहिक संकल्प लिया....पढ़िए आगे

PATNA : 'लेट्स इन्स्पायर बिहार' ने 22 मार्च 2025 को बापू सभागार, पटना में अपने चौथे स्थापना दिवस को 'विकसित बिहार संकल्प महासभा' के रूप में भव्यता से मनाया। यह आयोजन कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ, क्योंकि इसमें पूरे राज्य से 10,000+ से अधिक समर्पित व्यक्तियों ने भाग लिया। इनमें जनबुद्धिजीवी, शिक्षाविद, आध्यात्मिक नेता, विश्वविद्यालय छात्र, युवा स्वयंसेवक, उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। बिहार के सभी जिलों के साथ-साथ देश और विदेश से भी लोग इस आयोजन में शामिल हुए। लंदन से विशेष रूप से आए उद्यमी श्री प्रशांत कुमार ने इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया। मंच पर उपस्थित कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने 'लेट्स इन्स्पायर बिहार' अभियान को अब तक का सबसे बड़ा गैर-राजनीतिक जन आंदोलन करार दिया। इस आंदोलन के प्रति लोगों का दिनोदिन बढ़ता आकर्षण मंच पर मौजूद कई वक्ताओं के लिए भी आश्चर्य का विषय बना रहा। 'लेट्स इन्स्पायर बिहार' अभियान का घोषित उद्देश्य राज्य की सभ्यतागत जड़ों यथा - शिक्षा, समता एवं उद्यमिता - की पुनर्स्थापना करना है। यह अभियान बिहार के लोकप्रिय वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव द्वारा प्रारंभ किया गया एक जन आंदोलन है। अपनी स्थापना के चार वर्षों में यह अभियान अब तक 1,85,000+ से अधिक समर्पित व्यक्तियों को जोड़ चुका है, जिन्होंने जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग और विचारधाराओं से ऊपर उठकर 2047 तक विकसित भारत के भीतर विकसित बिहार के निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया है। यह अभियान आधिकारिक रूप से 22 मार्च 2021 को तारामंडल सभागार, पटना में शुरू हुआ था, जब श्री विकास वैभव ने स्वयं इस आंदोलन के दृष्टिकोण और मिशन की घोषणा एक विशाल युवा सभा के समक्ष की थी। हालांकि, इसका विचार पहली बार 12 जनवरी 2021 को स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर उनके मन में आया था। इस दिन, बिहार के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित युवाओं के साथ संवाद के दौरान, उन्होंने इस आंदोलन की आवश्यकता को महसूस किया। इसी दिन बिहार की बौद्धिक रूप से समृद्ध भूमि में इस विचार का बीजारोपण हुआ, जिसका उद्देश्य प्रदेश की खोई हुई गरिमा को पुनर्जीवित करना था। यह विचार शीघ्र ही प्रभावी बन गया और एक स्पष्ट संदेश दिया कि परिवर्तन तभी संभव है जब आम लोग प्रेरित करने और प्रेरित होने की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हों। तब से, इस आंदोलन की यात्रा इसकी मूल अवधारणा जितनी ऊर्जावान रही है।
विकास वैभव का संबोधन
विकास वैभव, जो एक अत्यंत लोकप्रिय आईपीएस अधिकारी और इस आंदोलन के संरक्षक हैं, मंच से उत्साह और गर्व के साथ बोले, "यह पूरे 'लेट्स इंस्पायर बिहार' (LIB) परिवार के लिए गर्व का क्षण है, जो बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली इतिहास की संभावनाओं के आधार पर लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य और मिशन के साथ शुरू हुआ था। आज तक इस अभियान से करीब 2 लाख लोग जुड़ चुके हैं।" उन्होंने कहा, "करीब तीन महीने पहले, दिल्ली के भारत मंडपम में 'लेट्स इंस्पायर बिहार' अभियान का एक बड़ा आयोजन हुआ था, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी। उस आयोजन में हमने बिहार के विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया था। आज जब मैं भारत मंडपम के बाद बापू सभागार को हजारों प्रतिबद्ध व्यक्तियों से खचाखच भरा हुआ देखता हूँ, तो मेरा हृदय आशा से भर जाता है।" बापू सभागार में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए वैभव ने आगे कहा, "अब मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ कि बिहार में एक नई क्रांति जन्म ले चुकी है, जिसका बीजारोपण हो चुका है। यह क्रांति देश में अब तक हुई अन्य क्रांतियों से अलग है। 1857 की क्रांति स्वतंत्रता के लिए थी, 1975 की क्रांति समाज में व्यवस्था परिवर्तन के लिए थी, लेकिन यह क्रांति शिक्षा, उद्यमिता और समता के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि, "इस अभियान का कोई राजनीतिक उद्देश्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं है। इसका लक्ष्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, जो बिहार के विकास के बिना संभव नहीं है। इसलिए, 'बिहार के विकास के माध्यम से भारत का विकास' इस आंदोलन का मूल मंत्र है।" वैभव ने हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि "बिहार की प्रति व्यक्ति मासिक आय ₹5028/- है, जो भारत के सभी राज्यों में सबसे कम है। वहीं, सिक्किम की प्रति व्यक्ति मासिक आय ₹48000/- और तमिलनाडु की ₹32000/- है।" उन्होंने यह भी समझाया कि "बिहार की वर्तमान वार्षिक विकास दर 14.5% है। यदि यही गति बनी रही, तो अगले दस वर्षों में बिहार की प्रति व्यक्ति आय केवल ₹20,000/- तक पहुँच पाएगी।" फिर उन्होंने सभा से सवाल किया, "क्या आप बिहार को इतनी धीमी गति से आगे बढ़ते देखना चाहते हैं? क्या हम इस रफ्तार से बिहार का विकास कर पाएंगे?" इस पर पूरे सभागार ने एक स्वर में उत्तर दिया, "नहीं!" 2003 बैच के इस चर्चित आईपीएस अधिकारी ने आगे कहा, "जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी, तो मुझे भी इसकी सफलता को लेकर थोड़ी आशंका थी। लेकिन आज, इस आंदोलन के तहत पूरे देश में और विशेष रूप से बिहार के हर जिले में 2000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।" उन्होंने सभा को प्रेरित करते हुए कहा, "यह यात्रा लंबी होगी। आप सभी को धैर्य रखना होगा और साहस, ईमानदारी, जुनून और दृढ़ता के साथ काम करना होगा।"इसके बाद उन्होंने एक महत्वपूर्ण प्रश्न पर प्रकाश डाला, "कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं राजनीति में क्यों नहीं जाता? पिछली लोकसभा चुनाव के दौरान भी मेरी राजनीतिक मंशा को लेकर कई सवाल उठे थे। लेकिन मैं शुरू से ही अपने दृष्टिकोण और सोच में स्पष्ट रहा हूँ। मैं उन्हें यही जवाब देता हूँ कि यदि राजनीति से बदलाव संभव होता, तो मैं सबसे पहले उसमें प्रवेश करता। लेकिन मैं जानता हूँ कि वास्तविक परिवर्तन राजनीति से नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता लाने से आएगा।" उन्होंने कहा, "इस परिवर्तन को लाने के लिए हमें शिक्षा, उद्यमिता और समता के क्षेत्र में ठोस कार्य करना होगा। हमें जाति, धर्म और विचारधारा की संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचना होगा। राजनीतिक दलों के लिए जातिगत राजनीति करना एक मजबूरी हो सकती है, लेकिन हमारे लिए नहीं। हमें इन बाधाओं से ऊपर उठकर बिहार की प्रगति के लिए प्रयास करना चाहिए।" वैभव ने अफसोस जताया कि "आज 'बिहारी' शब्द उपहास और अपमान का प्रतीक बन चुका है। यह चुनौती आसान नहीं है, लेकिन हमारे सामूहिक संकल्प से हम इस स्थिति को बदल सकते हैं।"लेट्स इंस्पायर बिहार आंदोलन के संरक्षक वैभव ने आगे कहा, "मैंने बिहार में कई बुरी चीजें देखी हैं, जिनमें पेपर लीक और जबरन शादी जैसी घटनाएँ शामिल हैं। मेरे पिताजी हमेशा मुझे छुट्टियों में घर न आने की सलाह देते थे क्योंकि उन्हें डर था कि मुझे भी पकरउआ विवाह के लिए मजबूर किया जा सकता है। इसी छुट्टी के दौरान, जब मैं आईआईटी कानपुर में था, तो मैंने अपने प्राचीन दर्शन को पढ़ा और हमारे पूर्वजों की दृष्टि और उनके सपनों को जाना। तब मुझे एहसास हुआ कि हम क्या थे और अब क्या बन गए हैं। हमारे अतीत और वर्तमान की दृष्टि के बीच की विशाल खाई को देखकर मुझे अपार पीड़ा हुई। इसी दयनीय स्थिति के कारण मेरे पिताजी ने मुझे आईपीएस में जाने और बिहार में काम करने से मना किया था। वे चाहते थे कि मैं विदेश चला जाऊँ, लेकिन मैं बिहार में बदलाव लाने के लिए संकल्पित था, और अभी तक अपनी पूरी क्षमता से प्रयास कर रहा हूँ। पिछले 4 वर्षों से, अपने परिवार और बाकी सब कुछ छोड़कर, मैं बिहार के गाँवों और शहरों में घूम रहा हूँ, बल्कि सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश में जाकर बिहारी प्रवासियों को संबोधित कर रहा हूँ। क्योंकि मुझे पता है कि बदलाव लाना आसान नहीं होता, उसके लिए बलिदान देना पड़ता है, और मैं यह बलिदान बिहार राज्य और आने वाली पीढ़ियों के लिए दे रहा हूँ, क्योंकि पूरा बिहार मेरा परिवार है। वैभव ने भावुक होकर दो साल पहले अपने जीवन के एक कठिन घड़ी के बारे में बताया। संभवतः वह अपने एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ विवाद से जुड़े हुए मामले की ओर इशारा कर रहे थे जिससे आंतरिक रूप से परेशान हो गए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें 4 महीने तक "वेटिंग फॉर पोस्टिंग"में रखा गया था और इस दौरान उन्हें एक भी महीने की तनख्वाह नहीं मिली। इससे उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, तब उनके पिताजी ने उनकी मदद की और 2 लाख रुपये दिए, जिससे वे होम लोन का ईएमआई चुका सके। वैभव ने आगे कहा, "बिहार अब टेक-ऑफ की स्थिति में है। यह समय है जब राज्य को एक ऊँची उड़ान भरनी चाहिए। अगर हम सब मिलकर इसके विकास में योगदान देने का सामूहिक संकल्प लें, तो अब इसे कोई रोक नहीं सकता।" उन्होंने "लेट्स इंस्पायर बिहार" के "गार्गी चैप्टर" द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि बिहार के विभिन्न जिलों में 24 शिक्षा केंद्र चल रहे हैं, जिनमें से 19 केंद्र महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। जिस गति से महिलाएँ इस अभियान से जुड़ रही हैं, वह अत्यंत उत्साहजनक है। उन्होंने सभी को अपना व्यक्तिगत नंबर भी दिया और आग्रह किया कि अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा, "जब मैं विभिन्न जिलों में फील्ड पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत था, तब मेरा दरवाजा आम जनता के लिए चौबीसों घंटे खुला रहता था, और सभी के पास मेरा निजी नंबर था। आज फिर से मैं आप सबको अपना नंबर दे रहा हूँ, ताकि आप इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ें।" उन्होंने सभी से 'जन-जन का अभियान' बनाने की अपील की और बताया कि इस अभियान का सपना है कि 2028 के अंत तक बिहार के प्रत्येक जिले में 5 स्टार्टअप स्थापित किए जाएँ। इनमें से दो स्टार्टअप पहले ही कार्य करना शुरू कर चुके हैं—एक सारण में और दूसरा बेगूसराय में। उन्होंने श्रोताओं को समझाया कि 9 करोड़ लोगों को रोजगार देना उद्यमिता क्रांति के बिना संभव नहीं है। उन्होंने 'सखी बहिनपा' संगठन का भी उल्लेख किया, जो 40,000 से अधिक महिला सदस्यों के साथ "लेट्स इंस्पायर बिहार" अभियान से जुड़कर राज्य की प्रगति में योगदान दे रहा है। उन्होंने हाल ही की एक घटना भी साझा की, जब सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति ने उनकी जाति को आधार बनाकर अन्य लोगों को इससे जुड़ने के लिए हतोत्साहित किया। वैभव ने कहा कि शुरुआत में इस टिप्पणी को पढ़कर वे दुखी हुए, लेकिन जब उन्होंने अन्य प्रतिक्रियाएँ देखीं, तो पाया कि कई लोगों ने उस व्यक्ति की जहरीली मानसिकता की आलोचना की। उन्होंने कहा, "इस तरह की संकीर्ण मानसिकता के खिलाफ उठने वाली यह आवाज ही 'लेट्स इंस्पायर बिहार' अभियान की सबसे बड़ी विजय है।" उन्होंने यह भी कहा कि "प्राचीन समाज में जाति थी, लेकिन ऐसी घातक जातिवाद की भावना नहीं थी। अगर ऐसा होता, तो मगध साम्राज्य में नंद वंश का उदय नहीं होता, जिन्हें समाज के सबसे निम्न वर्ग का माना जाता था।" वैभव ने जोर देकर कहा कि "हर जाति में ईमानदार और समर्पित लोग हैं। वे समाज के हर तबके में मौजूद हैं और वे इस अभियान से जुड़ रहे हैं, क्योंकि वे अपने जीवनकाल में बिहार को विकसित होते देखना चाहते हैं।" उन्होंने श्रोताओं से मिथिला की गौरवशाली विरासत को याद रखने का आग्रह किया, जहाँ महर्षि याज्ञवल्क्य और गार्गी जैसी विभूतियाँ हुईं; चंपारण की, जहाँ महर्षि वाल्मीकि हुए और जिसने महात्मा गांधी को वह बनाया जिसके लिए आज पूरा विश्व उन्हें जानता है; सारण की, जहाँ डॉ. राजेंद्र प्रसाद हुए; और अंगभूमि की, जहाँ एक आचार्य को आमंत्रित करने के लिए पूरे तिब्बत ने स्वर्णदान किया था।
संकल्प
विकास वैभव ने अपने भाषण का समापन एक संकल्प के साथ किया। जिसमें कहा की मैं संकल्प लेता हूँ कि बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य के निर्माण के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा । विकसित भारत में विकसित बिहार के निर्माण के लिए जाति, संप्रदाय, लिंगभेद और विचारधाराओं के मतभेदों से उपर उठकर सभी को बिहार में शिक्षा और उद्यमिता की क्रांति लाने के निमित्त प्रेरित करूंगा । अपने पूर्वजों की भूमि के पुनरुद्धार के लिए गतिमान अभियान में मैं अपना निस्वार्थ अंशदान समर्पित करूंगा और अभियान को सशक्त करने के लिए स्वयं अपने चरित्र, आचरण एवं व्यवहार से अपने यशस्वी पूर्वजों की भांति एक प्रेरणास्त्रोत बनूंगा । मैं बिहार की सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं आध्यात्मिक विरासत में समाहित प्रेरणा का प्रसार करूंगा । आइए, मिलकर प्रेरित करें बिहार !
विशिष्ट अतिथि
विशिष्ट अतिथियों में गोपाल नारायण सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद एवं गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, रोहतास के कुलपति; परमहंस स्वामी अगमानंद जी महाराज, आध्यात्मिक गुरु; सैयद शमाएल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन; सुजीत नयन, पर्यवेक्षी पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण; बी.के. सुधर्शन, शिक्षाविद; स्वामी संजय, आध्यात्मिक गुरु; प्रशांत कुमार, लंदन स्थित उद्यमी; मो. कमरुद्दीन अंसारी, राष्ट्रीय महासचिव, पसमांदा मुस्लिम महाज; डॉ. प्रीति बाला, मुख्य समन्वयक, गार्गी अध्याय; ओमिका दुबे, प्रबंध भागीदार, जियाका कैपिटल; वीरेंद्र पासवान, विधायक; अखिलेश सिंह, रोहतास के शिक्षाविद; एस.बी. राय, निदेशक, बी.डी. पब्लिक स्कूल, पटना; मनीष कश्यप, सामाजिक कार्यकर्ता; एम.क्यू. सईद, सीएमडी, एक्सिकॉन ग्रुप; लव कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता; रेनू पासवान, सामाजिक कार्यकर्ता; श्याम नारायण उरांव, सामाजिक कार्यकर्ता; गजेंद्र यादव, बगहा के प्रसिद्ध पर्यावरणविद; गुरु रहमान, बिहार के प्रख्यात शिक्षक; राहुल कुमार सिंह, मुख्य समन्वयक, अभियान; मोहन कुमार झा, मुख्य समन्वयक, उद्यमिता अध्याय; ओ.पी. सिंह, मुख्य सलाहकार, उद्यमिता अध्याय; विंग कमांडर यू.के. त्रिपाठी; डॉ. श्यामा रॉय, प्राचार्य, ए.एन.एस. कॉलेज, बाढ़; जी.एम. अंसारी, समन्वयक, रोहतास अध्याय; मदन सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सहित कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल थे। कार्यक्रम में "लेट्स इंस्पायर बिहार" टीम के लगभग हर अध्याय से सदस्य उपस्थित थे। सूची में सारण से अनूप नारायण सिंह, पटना से इंजीनियर कुमार राहुल, श्री कौस्तुभ, श्री राजवर्धन, श्री विकास कुमार, श्री आमिर अहमद, श्री आशिष रंजन, श्री सतिश गांधी, श्री विक्की साहनी, वैशाली से श्री सोनू ठाकुर, सासाराम से श्री यश उपाध्याय, श्री राहुल सिंह, अरवल से श्री रोहित राज, ज्योति झा, सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
पैनल चर्चा
"मीडिया और बिहार के विकास में उसकी भूमिका" विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। इस पैनल चर्चा में बिहार के कई अनुभवी पत्रकारों ने भाग लिया, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार ब्रज मोहन सिंह, ज्ञानेश्वर, कन्हैया भेलारी, कुमार प्रबोध, स्वयम् प्रकाश, अमिताभ ओझा, कौशलेंद्र प्रियदर्शी, जितेंद्र ज्योति, संतोष सिंह, शिव पूजन झा और मृत्युंजय शर्मा शामिल थे।
पुरस्कार समारोह
'लेट्स इन्स्पायर बिहार' टीम के कुल 439 स्वयंसेवकों को विकास वैभव द्वारा सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया और बिहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए ज़मीनी स्तर पर पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं। इन स्वयंसेवकों में न केवल बिहार के लगभग सभी जिलों के लोग शामिल थे, बल्कि मुंबई चैप्टर, बेंगलुरु चैप्टर, हैदराबाद चैप्टर आदि जैसे 'लेट्स इन्स्पायर बिहार' के मेट्रोपॉलिटन चैप्टरों से जुड़े लोग भी सम्मिलित थे।