मोकामा का महाभारत: 25 साल बाद 'बाहुबली' बनाम 'दादा' की जंग, अनंत की बादशाहत को हिला पाएंगी सूरज की वीणा?
25 साल बाद अनंत सिंह और सूरजभान का परिवार चुनावी समर में आमने-सामने होगा. मोकामा में 1990 से लेकर 2020 तक हुए 9 चुनावों में सूरजभान के खाते में एक बार जीत गई, जबकि 8 बार अनंत सिंह के परिवार के लोग जीते.

N4N डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव की सबसे दिलचस्प सीट मोकामा इस बार फिर चर्चा में है, जहां दो बाहुबली परिवारों के बीच 25 साल बाद चुनावी जंग छिड़ने जा रही है। यह मुकाबला अप्रत्यक्ष रूप से बाहुबली अनंत सिंह (जेडीयू उम्मीदवार) और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के परिवार के बीच होगा। सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के टिकट पर अनंत सिंह को चुनौती दे रही हैं।
25 साल पुरानी हार का बदला लेने का मौका
यह मुकाबला अनंत सिंह के लिए 25 साल पुरानी हार का बदला लेने का मौका है। साल 2000 के चुनाव में सूरजभान सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अनंत सिंह के बड़े भाई और तत्कालीन मंत्री दिलीप सिंह को बड़े अंतर से हराया था। अब खुद अनंत सिंह मैदान में हैं, जबकि सामने सूरजभान की पत्नी वीणा देवी ताल ठोक रही हैं।
आरजेडी का मास्टरस्ट्रोक
चुनाव से ठीक पहले, बाहुबली और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की पार्टी से इस्तीफा देकर आरजेडी में शामिल हो गए। पार्टी में आते ही तेजस्वी यादव ने उनकी पत्नी वीणा देवी को मोकामा से टिकट दे दिया। यह आरजेडी का भूमिहार वोट बैंक को साधने का एक बड़ा दांव माना जा रहा है।
मोकामा पर अनंत सिंह का दबदबा
मोकामा सीट पर अनंत सिंह का दबदबा रहा है। वह 2005 से लगातार अजेय बने हुए हैं और अब तक 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं। हाल ही में एक केस में दोषी पाए जाने के कारण उन्हें विधायकी छोड़नी पड़ी थी, जिसके बाद 2022 के उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। मोकामा में 1990 से 2020 तक हुए 9 चुनावों में 8 बार अनंत सिंह के परिवार ने जीत हासिल की है, जबकि सूरजभान के खाते में सिर्फ एक बार जीत (2000 में) आई थी।