Jitan Ram Manjhi on Liquor Ban: शराबबंदी नेक, पर सिस्टम बे-लगाम… मांझी का बिहार में शराबबंदी पर सियासी तीर, कहा- गरीब जेल में, तस्कर सिंहासन पर! सवाल पर सियासत शुरु
Jitan Ram Manjhi on Liquor Ban: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी ही सरकार पर ऐसा तीखा वार किया है, जिसने सत्ता गलियारों में खलबली मचा दी है। मंत्री ने शराबबंदी पर सवाल खड़ा कर दिया है.....
Jitan Ram Manjhi on Liquor Ban: बिहार की सियासत में एक बार फिर तूफ़ान उठा है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी ही सरकार पर ऐसा तीखा वार किया है, जिसने सत्ता गलियारों में खलबली मचा दी है। मांझी ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति नीतिगत रूप से बेहतरीन और इंसानी भलाई के लिए मुफ़ीद है-घरों में झगड़े कम हुए, घरेलू हिंसा पर लगाम लगी, और शराबखोरी से होने वाली मानसिक बर्बादी में गिरावट आई है। लेकिन, उन्होंने दर्द भरी आवाज़ में जो सवाल उठाए, वह पूरे सिस्टम की पोल खोलते नज़र आए।
मांझी ने तंज भरे लहजे में कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद तीसरी समीक्षा भी उन्हीं के दबाव पर हुई थी, जिसमें साफ हिदायत दी गई थी कि धंधेबाज़ पर कार्रवाई करो, मज़दूर को मत सताओ। मगर आज हालात उलट हैं। ग़रीब मजदूर, रिक्शावाला, दिहाड़ी कमाने वाला, अगर दवा के नाम पर भी थोड़ी-बहुत शराब ले जाए, तो उसे पकड़कर जेल में ठूंस दिया जाता है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 6 लाख केसों में से 4 लाख लोग पहली बार पकड़े गए, और ज़्यादातर रोज़ी-रोटी की जद्दोजहद में लगे लोग हैं जिन्हें अपराधी बना दिया गया।
मांझी का हमला यहीं नहीं रुका। उन्होंने चौंकाने वाला दावा किया कि राज्य में शराब तस्कर अब खुलकर 5 से 10 करोड़ रुपये फूंककर चुनाव लड़ रहे हैं… और जीत भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद ऐसे लोगों को जानते हैं। सवाल उठना लाज़िमी है अगर शराबबंदी है, तो फिर ये अकूत पैसा कहां से आ रहा है?
इसके साथ ही उन्होंने सिस्टम पर संगीन इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि पहाड़ों, नदी किनारों, जंगलों और खेतों में रोज़ाना हजारों लीटर शराब तैयार होती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सन्नाटा है। असली तस्कर नहीं पकड़े जाते, क्योंकि अफसरों और विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से पूरा खेल चलता है।
अंत में मांझी ने स्पष्ट कहा कि कानून लागू करना नीतीश कुमार का काम नहीं, प्रशासन की ईमानदारी और पारदर्शिता ही शराबबंदी की असली सांस है। उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा जब तक सिस्टम सुधरेगा नहीं, तब तक शराबबंदी का मकसद अधूरा ही रहेगा।
रिपोर्ट- अभिजीत सिंह