Bihar weather: रक्षाबंधन पर मेघ का कहर, बिहार में मानसून की मेहरबानी बनी आफत,इन जिलों में बहुत भारी बारिश का अलर्ट

Bihar weather: बिहार में मानसून की मेहरबानी जारी है, लेकिन यह मेहरबानी राहत से ज़्यादा आफ़त लेकर आई है।

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रक्षाबंधन पर मेघ का कहर, बहुत भारी बारिश का अलर्ट- फोटो : social Media

Bihar weather: रक्षाबंधन पर मानसून की मेहरबानी जारी है, लेकिन यह मेहरबानी राहत से ज़्यादा आफ़त लेकर आई है।  दक्षिण-पश्चिम मानसून इस वक़्त बिहार के उत्तरी हिस्सों पर अपनी पूरी रौनक और रौब के साथ बरस रहा है, जबकि दक्षिणी इलाक़े अपेक्षाकृत शांत हैं। राजधानी पटना समेत कई ज़िले इन दिनों लगातार बारिश से तर-बतर हैं। भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले दो दिनों तक राज्य में भारी से भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी।शुक्रवार रात में पटना में बरसा जमकर बरसे।

पूर्णिया, दरभंगा, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण और समस्तीपुर में आसमान से पानी की झड़ी रुकने का नाम नहीं ले रही। वहीं भोजपुर, बक्सर और आसपास के इलाक़ों में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर-पश्चिम बिहार से होते हुए पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय इलाक़ों और बांग्लादेश के मध्य भागों में सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण इस तबाही का मुख्य कारण है।

इन हालातों का असर यह है कि उत्तरी बिहार में मानसून की मेहरबानी जारी है, लेकिन यह मेहरबानी राहत से ज़्यादा आफ़त लेकर आई है। पटना समेत कई इलाक़ों में घने बादलों की आवाजाही जारी है, कहीं-कहीं मेघ गर्जन के साथ हल्की बूंदाबांदी, तो कहीं मूसलाधार बारिश लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि 9, 12 और 13 अगस्त को राज्य में फिर से बारिश का जोर बढ़ेगा। गंगा, गंडक और कोसी जैसी नदियों का जलस्तर तेज़ी से चढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान से 1.15 मीटर ऊपर बह रही है, मनेर में 82 सेंटीमीटर, हाथीदह में 86 सेंटीमीटर और दानापुर में 50 सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा है। निचले इलाक़ों में हालात बदतर हैं—कमर तक पानी भर चुका है और लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि 9 और 10 अगस्त के दौरान तेज़ हवा, मेघ गर्जन और मूसलाधार बारिश हो सकती है। हवा की रफ़्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुँच सकती है, साथ ही वज्रपात का भी अंदेशा है। अगले छह दिनों तक उत्तरी बिहार के विभिन्न हिस्सों में मौसम का यही मिज़ाज रहने के आसार हैं।

गाँवों में खेत जलमग्न हो रहे हैं, फसलें डूब रही हैं, और लोग राहत शिविरों की ओर रुख़ करने लगे हैं। मानसून का यह रौद्र रूप एक ओर जहाँ पानी की कमी से जूझते क्षेत्रों में वरदान है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ग्रस्त इलाक़ों में यह किसी काली सज़ा से कम नहीं।