Bihar Politics: मुकेश सहनी को लगा बड़ा झटका, तेजस्वी ने डिप्टी सीएम वाले दावे को ठुकराया, अब क्या करेंगे 'सन ऑफ मल्लाह'

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसी बीच मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है। मुकेश सहनी के दावा को राजद ने खारिज कर दिया है।

मुकेश सहनी
मुकेश सहनी को लगा बड़ा झटका - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज है। सभी पार्टी चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं। गठबंधन में शामिल नेता अपना अपना दावा कर रहे हैं। इसी बीच विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया है। 

सहनी को लगा बड़ा झटका 

दरअसल, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने दावा किया था कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की सरकार बनने पर वह डिप्टी सीएम बनेंगे, जबकि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे। सहनी के इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी थी। इसी बीच राजद की ओर से बड़ा बयान जारी किया गया है।

राजद नेता का बड़ा बयान 

बता दें कि, राजद के वरिष्ठ नेता और प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मोतिहारी में इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र में कोई भी कुछ भी कह सकता है, लेकिन महागठबंधन में डिप्टी सीएम पद को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं सहनी 

गौरतलब हो कि, सहनी न केवल डिप्टी सीएम पद की दावेदारी कर रहे हैं, बल्कि अपनी पार्टी के लिए 60 सीटों की भी मांग कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह उनकी "प्रेशर पॉलिटिक्स" का हिस्सा है जिससे वे चुनाव में अधिक सीटें हासिल करना चाहते हैं। मालूम हो कि 2020 के विधानसभा चुनाव में वीआईपी ने एनडीए के साथ रहते हुए चार सीटें जीती थीं, लेकिन अब महागठबंधन में शामिल होकर सहनी अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं।

महागठबंधन में 6 दल हैं शामिल 

बहरहाल, महागठबंधन में छह दल शामिल हैं। जिनमें राजद और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियां पहले से ही 150 से अधिक सीटों पर दावेदारी कर सकती हैं। ऐसे में सहनी की मांग बड़े सहयोगियों के लिए असहज स्थिति पैदा कर रही है। विश्लेषकों के मुताबिक, यह मुद्दा सीट बंटवारे और नेतृत्व के सवाल पर गठबंधन में तनाव बढ़ा सकता है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो राजद की रणनीति तेजस्वी यादव को केंद्र में रखकर बनेगी और छोटे सहयोगियों को सीमित भूमिका मिलेगी।