बिहार चुनाव की तारीख घोषित होने के ठीक पहले भाजपा ने तेजस्वी को दिया झटका, इस जिले के राजद जिलाध्यक्ष ने कमल थामा
तेजस्वी यादव के राजद को भाजपा ने बड़ा झटका दिया है। राजद के जिलाध्यक्ष ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। चुनाव के ठीक पहले यूं जिलाध्यक्ष का जाना राजद के लिए नुकसान वाला साबित हो सकता है।

Patna - बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने में सिर्फ तीन चार दिन बाकी है। सभी पार्टियां जहां अपनी तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटी है। ऐसे में तेजस्वी यादव के राजद को भाजपा ने बड़ा झटका दिया है। पार्टी के मुंगेर जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा ने राजद से अपना रिश्ता खत्म करते हुए आज भाजपा के कमल को थाम लिया है। इनके साथ मंजेश कुमार, रामबालक मंडल, मनीष कुमार, विजय पासवान, संजय सिंह, डॉ. चंदन कुमार सहित कई राजद कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। आज भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. अरुण पोद्दार ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल से सदस्यता दिलाई।
अतिपिछड़ा समाज के बड़े नेता
बताते चलें कि त्रिलोकी नारायण शर्मा अतिपिछड़ा समाज से आते हैं। विगत दो बार से मुंगेर जिले में राजद ने अपने संगठन की डोर अतिपिछड़ा समाज के जिलाध्यक्ष को सौंप रखा था। त्रिलोकी नारायण शर्मा से पहले बरियारपुर क्षेत्र के देवकी नंदन सिंह को राजद का जिलाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद नौवागढ़ी निवासी त्रिलोकी नारायण शर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पूर्व लंबे समय तक प्रमोद कुमार यादव तथा इसके पूर्व मोहन यादव राजद के जिलाध्यक्ष रहे थे।
पहले तेजस्वी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया
विदित हो कि राहुल गांधी तथा तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के महज चंद दिन पहले जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा तथा प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उस समय पार्टी ने दोनों का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था।
वोटर अधिकार यात्रा में तरजीह नहीं मिलने से नाराजगी
बताते चलें कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान यात्रा का प्रभारी जमुई लोकसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी रही अर्चना रविदास को बनाया गया था। कहा जाता है कि जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव उस समय खुद को तरजीह नहीं दिए जाने से असंतुष्ट चल रहे थे और इसी कारण इस्तीफा दे दिया था। अब तो त्रिलोकी नारायण शर्मा ने राजद को बाय-बाय कहते हुए भाजपा का झंडा ही उठा लिया है।
तेजस्वी के एटूजेड पर सवाल
जहां महागठबंघन की सभी पार्टियां अति पिछड़ों के हक की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ त्रिलोकी नारायण शर्मा का इस तरह राजद से जाना नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ए-टू-जेड के नारे की स्वीकार्यता को झुठला रहा है तो दूसरी ओर समाज के हर वर्ग खासकर अतिपिछड़ा समाज पर राजद की कमजोर पकड़ को उजागर कर रहा है।
हालांकि चुनाव में इसका क्या असर होगा यह तो चुनाव परिणाम ही बताएगा, लेकिन राजद जिलाध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने की घटना को राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।