Bihar Crime: चुनाव से पहले सीएम के गृह जिला में मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़, हथियारों का जखीरा बरामद

Bihar Crime:पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर एक मिनी गन फैक्टरी का पर्दाफाश किया।

Bihar Crime: चुनाव से पहले सीएम के गृह जिला में मिनी गन फैक्
चुनाव से पहले सीएम के गृह जिला में मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़- फोटो : reporter

Bihar Crime:विधानसभा चुनाव से पहले बिहार पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र के मंसूरगंज छोटी पहाड़ी इलाके में गुरुवार को पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर एक मिनी गन फैक्टरी का पर्दाफाश किया। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने अवैध हथियार बनाते हुए पिता-पुत्र को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। मौके से बने-अधबने कट्टे, जिंदा कारतूस और हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का बड़ा जखीरा बरामद किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मंसूरगंज निवासी दिलीप मिस्त्री अपने घर में ही लंबे समय से हथियारों का गैरकानूनी कारोबार चला रहा है। सूचना की पुष्टि के बाद सोहसराय थाना पुलिस और सीआरपीएफ 541 बटालियन की टीम गठित की गई। संयुक्त छापेमारी में दिलीप मिस्त्री और उसका पुत्र आदित्य कुमार हथियार बनाते हुए पकड़े गए।

पुलिस के अनुसार, तलाशी के दौरान एक बना हुआ देसी कट्टा, .315 बोर के दो अधबने कट्टे, तीन अधनिर्मित बैरल, एक जिंदा गोली और करीब छह हजार रुपये नकद बरामद हुए। इसके अलावा हथियार निर्माण में इस्तेमाल होने वाले तमाम औजार जैसे ग्राइंडर, वेल्डिंग मशीन, कटर, आरी, रेती, स्प्रिंग और लोहे की चादरें भी जब्त की गईं। पुलिस का कहना है कि यह पूरा सेटअप एक “मिनी गन फैक्टरी” के रूप में काम कर रहा था।

सोहसराय थानाध्यक्ष ने बताया कि पूछताछ में दिलीप मिस्त्री और उसके बेटे ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे पिछले कई महीनों से देसी हथियार बनाकर आसपास के इलाकों में बेचते थे। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि इनके संपर्क में कुछ असामाजिक तत्व और स्थानीय अपराधी भी थे, जो आगामी चुनाव के दौरान इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकते थे।

पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए चलाए जा रहे “ऑपरेशन क्लीन” का हिस्सा है, जिसके तहत अवैध हथियार और आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।स्थानीय लोगों ने बताया कि दिलीप मिस्त्री पहले वेल्डिंग और रिपेयरिंग का काम करता था, लेकिन कुछ सालों से उसने यह गुप्त कारोबार शुरू कर दिया था। लोगों को शक तो था, लेकिन किसी ने पुलिस को सूचना देने की हिम्मत नहीं दिखाई।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ एक फैक्टरी का भंडाफोड़ नहीं, बल्कि एक नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “हम हर उस गैंग और व्यक्ति पर निगरानी रख रहे हैं जो चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर सकता है। नालंदा में कोई भी अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और बरामद हथियारों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस गन फैक्टरी से बने हथियार किन-किन हाथों तक पहुंच चुके हैं।

रिपोर्ट- राज पाण्डेय