मुन्ना शुक्ला की हाजीपुर अदालत में पेशी, बृज बिहारी प्रसाद कत्ल केस की अहम सुनवाई,भागलपुर से हाई सिक्योरिटी में होगी शिफ्टिंग
Munna Shukla court appearance:कड़े पहरे के बीच जब मुन्ना शुक्ला को हाजीपुर कोर्ट में लाया जाएगा, तो अदालत की नज़रों के साथ-साथ पूरे बिहार की नज़रें भी उन पर टिकी होंगी।
Munna Shukla court appearance: भागलपुर की जेल की ऊँची दीवारों के सायों के बीच बुधवार की सुबह एक बार फिर अपराध और सियासत की दुनिया का चर्चित नाम गूँजने वाला है पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ़ मुन्ना शुक्ला। हाजीपुर न्यायालय में लंबित मुकदमों में उनकी हाज़िरी सुनिश्चित कराने के लिए अदालत की ओर से भेजे गए प्रोडक्शन वारंट के बाद अब उन्हें भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ पेशी पर रवाना किया जा रहा है। जेल प्रशासन ने ए से ज़ेड तक की तैयारियाँ मुकम्मल कर ली हैं—कॉलमैन से लेकर काफिले तक सब कुछ हाई-अलर्ट मोड में।
क़ानून के गलियारों में फुसफुसाहट है कि इस पेशी के पीछे सिर्फ़ औपचारिकता नहीं, बल्कि उन पुराने जख़्मों की परतें भी शामिल हैं जिन्हें बिहार की सियासी-अपराधी दुनिया कभी भूल नहीं पाई। तक़रीबन 26 वर्ष पहले, पटना के IGIMS में हुए उस सनसनीखेज़ हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था, जिसमें तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री और राजद के सीनियर नेता बृजबिहारी प्रसाद को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस में मुन्ना शुक्ला, सूरजभान सिंह समेत कई नामी गैंगस्टरों को आरोपित बनाया गया था। लंबी सुनवाई के बाद एपेक्स कोर्ट ने उनकी सज़ा को बरक़रार रखते हुए फ़रमान जारी किया था दो हफ़्तों के भीतर आत्मसमर्पण। इसके बाद पूर्व विधायक ने सरेंडर कर दिया और तब से वे जेल की चारदीवारी में ही हैं।
मामला तब फिर सुर्ख़ियों में आया जब हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान मुजफ्फरपुर जेल प्रशासन ने संकेत दिया कि मुन्ना शुक्ला की मौजूदगी से लॉ एंड ऑर्डर पर असर पड़ सकता है। डीएम और एसएसपी ने जेल आईजी को रिपोर्ट भेजते हुए आग्रह किया कि सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के मद्देनज़र उन्हें दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाए। उधर, सियासी रंग उस वक्त और गहरा हुआ जब उनकी विदेश में पढ़ी बेटी शिवानी शुक्ला को लालगंज सीट से महागठबंधन राजद के टिकट पर मैदान में उतारा गया। प्रशासन को आशंका थी कि जेल में रहते हुए भी राजनैतिक माहौल प्रभावित हो सकता है।
अब बुधवार को, कड़े पहरे के बीच जब मुन्ना शुक्ला को हाजीपुर कोर्ट में लाया जाएगा, तो अदालत की नज़रों के साथ-साथ पूरे बिहार की नज़रें भी उन पर टिकी होंगी। अपराध, राजनीति और कानून का यह संगम एक बार फिर बिहार की मिट्टी में पुरानी कहानियों को जगा रहा है जहाँ हर पेशी, हर बयान, हर फ़ाइल के पन्ने अपने भीतर सियासत और संगीन दास्तानें समेटे हुए हैं।