Nitish Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट की बैठक आज, तीन नए विभागों के गठन पर कैबिनेट की मुहर की तैयारी,1 करोड़ नौकरियों के वादे पर बड़ा कदम
नीतीश कैबिनेट की बैठक आज होने वाली है।कैबिनेट की मेज पर तीन नए विभागों के गठन का प्रस्ताव रखा जाएगा, जिन्हें मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। माना जा रहा है कि ये विभाग रोजगार सृजन, कौशल विकास, और उद्यमिता को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभीएगा....
Nitish Cabinet Meeting: बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी के साथ ही राजनीतिक माहौल में नई सक्रियता और विकास कार्यों में तेज़ी साफ़ देखी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शासन-प्रशासन को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से आज दोपहर साढ़े तीन बजे मुख्य सचिवालय स्थित कैबिनेट कक्ष में एक अहम और रणनीतिक बैठक बुलाई है। इस बैठक का प्रमुख एजेंडा है युवाओं से किए गए 1 करोड़ नौकरी और रोजगार के ऐतिहासिक वादे को जमीनी रूप देना। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह नीतीश सरकार की डिलीवरी-ओरिएंटेड गवर्नेंस की शुरुआत का संकेत है।
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की मेज़ पर तीन नए विभागों के गठन का प्रस्ताव रखा जाएगा, जिन्हें मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। माना जा रहा है कि ये विभाग रोजगार सृजन, कौशल विकास, और उद्यमिता को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। नई सरकार के गठन के बाद यह दूसरी कैबिनेट बैठक है। इससे पहले 25 नवंबर को हुई पहली बैठक में छह प्रमुख एजेंडों पर मुहर लगी थी, जिनमें आधारभूत संरचना, औद्योगिक विकास, किसानों की आय वृद्धि और रोजगार विस्तार से जुड़े प्रस्ताव शामिल थे।
आज की बैठक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि नौकरी-रोजगार पर केंद्रित बड़े फैसलों की उम्मीद है। बिहार में बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को त्वरित अवसर प्रदान करने के लिए सरकार एक योजनाबद्ध ढांचे पर काम कर रही है। तीन नए विभागों का गठन न सिर्फ़ प्रशासनिक ढांचे को रोजगारोन्मुखी बनाएगा, बल्कि 1 करोड़ नौकरियों और रोजगार के लक्ष्य को व्यवस्थित तौर पर पूरा करने की दिशा में निर्णायक कदम होगा।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एनडीए सरकार इस बार विकास कार्यों में गति लाने के लिए सख़्त मॉनिटरिंग, मल्टी-डिपार्टमेंटल को-ऑर्डिनेशन और डेडलाइन आधारित डिलीवरी का मॉडल अपनाने के मूड में है। कैबिनेट की यह बैठक उसी बड़े रोडमैप की शुरुआत मानी जा रही है, जिसमें युवाओं को व्यापक आर्थिक अवसर उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कुल मिलाकर, आज की कैबिनेट बैठक से बिहार की राजनीति और प्रशासन दोनों में एक नई दिशा निर्धारित होने की उम्मीद है जहाँ सत्ता में वापसी का जनादेश अब विकास और रोजगार की ठोस कार्ययोजना में बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।