नीतीश सरकार का बड़ा फैसला! बिहार नगर निगमों में उपमहापौर और उपमुख्य पार्षद को मिलेगी महापौर जैसी सुविधाएं, सरकारी गाड़ी भी होगी मुहैया

बिहार सरकार ने उपमहापौर और उपमुख्य पार्षद को महापौर की तरह वाहन और कार्यालय सुविधाएं देने का आदेश जारी किया है। जानें इससे कैसे बढ़ेगी उनकी कार्यक्षमता और क्या होगा लाभ।

नीतीश सरकार का बड़ा फैसला! बिहार नगर निगमों में उपमहापौर और
Nitish government- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Nitish Kumar Govt: बिहार सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के नगर निगमों और नगर परिषदों में उपमहापौर और उपमुख्य पार्षदों को महापौर और मुख्य पार्षद के समान सुविधाएं देने का आदेश जारी किया है। अब इन जनप्रतिनिधियों को कार्यालय कक्ष, वाहन, उपस्कर और कार्यालय सहायक की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम राज्य में शहरी प्रशासन के सशक्तिकरण और योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

क्या है नया आदेश?

नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राज्य के 19 नगर निगमों और 88 नगर परिषदों में कार्यरत उपमहापौरों और उपमुख्य पार्षदों को अब पदीय सुविधाएं दी जाएंगी, जो पहले केवल महापौर और मुख्य पार्षदों तक सीमित थीं।

विभाग ने सभी संबंधित जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि उपमहापौर और उपमुख्य पार्षदों को वाहन की सुविधा महापौर के अनुरूप दरों पर उपलब्ध कराई जाए। जहां इन प्रतिनिधियों के लिए कार्यालय कक्ष और सहायक की व्यवस्था नहीं है, वहां नई व्यवस्था लागू की जाएगी।

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योजनाओं की निगरानी में बढ़ेगी कार्यक्षमता

इस आदेश को जारी करते हुए नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि उपमहापौर और उपमुख्य पार्षदों की यह मांग लंबे समय से लंबित थी। उन्होंने कहा कि इन जनप्रतिनिधियों की कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए यह आवश्यक था कि उन्हें उचित संसाधन और सुविधा मिले। इससे वे नगर निकायों की योजनाओं की निगरानी और जांच बेहतर ढंग से कर सकेंगे।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह फैसला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्षेत्रफल और कार्यक्षेत्र के अनुसार सुविधा की आवश्यकता

बिहार के नगर निकायों का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक है। खासकर नगर निगमों का दायरा अब गाँवों और नए उपनगरों तक फैल गया है। ऐसे में इन क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों का सक्रिय रहना और योजनाओं की सही निगरानी सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

बिहार नगरपालिका अधिनियम के अनुसार, उपमहापौर और उपमुख्य पार्षद महापौर की अनुपस्थिति में उनके सभी अधिकारों और कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। वे सशक्त स्थायी समिति के पदेन सदस्य भी होते हैं, जिसके तहत निर्णय लेने की जिम्मेदारियाँ होती हैं।इसलिए उन्हें कार्यालय से लेकर फील्ड विजिट तक के लिए एक प्रभावी संसाधन की जरूरत होती है, जिसमें वाहन सबसे महत्वपूर्ण है।