Bihar News: नीतीश सरकार का मास्टर प्लान, बिहार में पुल का नहीं हिलेगा चूल, ऐसी नीति जिसे जानकर चौंक जाएंगे आप
Bihar News: नीतीश सरकार ने बिहार के पुलों को लेकर बड़ा प्लान बनाया है। सरकार ने राज्यों में पुलों के धराशाई होने के मामले को देखते हुए यह निर्णय लिया है। आइए जानते है पूरा मामला क्या है...

Bihar News: राज्य के सभी पुलों का हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा। इसके जरिए पुलों की स्थिति का आकलन कर प्रबंधन और मेंटेनेंस दो चरणों में किया जाएगा। पुलों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग, और सेंसर डेटा रिपोर्ट जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए पुलों को चार श्रेणियों में बांटा गया है: पहला 1000 मीटर से अधिक लम्बे पुल दूसरा 250 से 1000 मीटर लम्बे पुल तीसरा 60 से 250 मीटर लम्बे छोटे पुल और चौथा 60 मीटर तक की पुलियां।
बैठक में लिया गया निर्णय
शनिवार को उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस नीति को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि अतिसंवेदनशील पुलों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी और आवश्यकता अनुसार नए निर्माण कार्य भी किए जाएंगे।
जरूरत क्यों महसूस हुई?
पिछले कुछ वर्षों में कई पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुराने पुलों के निरीक्षण और समय पर मरम्मत की आवश्यकता महसूस की गई है। विशेष रूप से ऐतिहासिक पुलों को ध्यान में रखते हुए यह नीति लाई जा रही है, क्योंकि ये आधुनिक भार क्षमता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए थे और समय व मौसम के प्रभाव से इनकी निर्माण सामग्री खराब हो गई है।
पुल निरीक्षण के तीन तरीके
1. नियमित निरीक्षण: सामान्य मरम्मत और रखरखाव की जरूरतों का आकलन।
2. गहन निरीक्षण: पुराने और बड़ी संरचनाओं के लिए।
3. विशेष निरीक्षण: प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित पुलों के लिए।
पहली बार मेंटेनेंस नीति बनी
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य में पुलों के लिए कोई मेंटेनेंस नीति नहीं थी। उन्होंने स्वीकार किया कि बाढ़ जैसे हालात में कई छोटे पुल क्षतिग्रस्त हुए। इस नई नीति के तहत इंजीनियरों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा।
विलंब से बढ़ती लागत पर भी होगी रोक
उन्होंने यह भी माना कि परियोजनाओं में देरी के कारण लागत में बढ़ोतरी होती है। अब नियमित निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा ताकि ऐसी समस्याओं से बचा जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।