दलित बच्ची की मौत पर तेजस्वी ने खोल दिया सरकार का कच्चा चिट्ठा, सीएम हाउस और 5000 करोड़ से जुड़ा है पूरा मामला
Patna news - पटना के pmch में बच्ची की मौत को लेकर तेजस्वी यादव ने सरकार पर अधीक्षक को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने उपाधीक्षक पर हुए कार्रवाई को लीपापोती करार दिया है।

Patna - पीएमसीएच में दलित बच्ची की मौत की घटना ने नीतीश सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। मामले में तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर पीएमसीएच के अधीक्षक को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बचाने के लिए कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ती की गई है। तेजस्वी ने कहा कि यह पूरी कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति के लिए की गई है।
5000 करोड़ का मामला
तेजस्वी ने पूरे मामले में खुलासा करते हुए बताया कि वर्तमान पीएमसीएच अधीक्षक डा.आईएस ठाकुर पिछले साल 31 जनवरी को रिटायर हो रहे थे। इसके तीन दिन पहले 28 जनवरी को हमारी सरकार गई। नई सरकार बनने के बाद बिहार में नया स्वास्थ्य मंत्री बना भी नहीं था। एक फरवरी को सीएम नीतीश कुमार ने आईएस ठाकुर को एक्सटेंशन दे दिया। यह सब पीएमसीएच में बन रहे 5000 करोड़ के अस्पताल के लिए किया गया। तेजस्वी ने कहा मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि जब तक अस्पताल का काम चलेगा, आईएस ठाकुर को कुछ भी नहीं होगा। बिहार सरकार को उनसे ज्यादा काबिल कोई नहीं मिल पाया है।
मंगल पांडेय को बताया अमंगल
तेजस्वी ने इस पूरी घटना में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को भी नहीं बख्शा। तेजस्वी ने कहा कि मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग का अमंगल कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिस उपाधीक्षक को सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई। उसे पहले ही मैंने स्वास्थ्य मंत्री रहते पद से हटा दिया था। उनकी जगह डा. सरफराज को नियुक्त किया। लेकिन हमारी सरकार के हटने के बाद फिर से मंगल पांडेय ने उन्हें नियुक्त कर दिया। तेजस्वी ने पूरी कार्रवाई को लीपापोती बताया, कुछ दिन बाद उन्हें फिर से वापस लाया जाएगा।
विभाग में नहीं होने दी नियुक्ति
तेजस्वी यादव यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने मंगल पांडेय पर स्वास्थ्य विभाग में नई बहालियां नहीं होने देने का आरोप लगाया। हमने 17 महीने में मिशन बुनियाद मिशन 60 की शुरुआत की। हमने रेफरल स्कीम लाया था लेकिन उसे स्कीम का क्या हुआ उसे स्कीम के तहत का क्या की जिला में सी इलाज हो बहुत ज्यादा गंभीर हालत हो तो पटना में भेजा जाए लेकिन वह स्कीम क्या हुआ कहां है अभी हम लोगों ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की हम लोगों ने 275 से ज्यादा दवा बांटने का काम किया।
तेजस्वी ने कहा कि डेंगू की जांच करने के लिए हम एनएमसीएच पहुंचे तो वहां के अधीक्षक को पता नहीं था कि डेंगू वार्ड कहां है। हमने उन्हें बर्खास्त कर दिया। बाद में सरकार जाते ही उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया।
सभी डीके के लिए करते हैं काम
तेजस्वी यादव ने एक बार फिर डीके गैंग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आईएस ठाकुर सहित बिहार में हाल के दिनों में जितने भी ट्रांसफर हुए हैं , वह सभी रिटायर्ड डीके के इशारे पर हुआ है। मेरा सवाल है कि किसके कहने पर आईएस ठाकुर को बचाया जा रहा है।