Pradhan Mantri Awas Yojana: बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना के हजारों आवेदकों को लगा बड़ा झटका, एक साथ करार हुए अयोग्य, देखिए लिस्ट

Pradhan Mantri Awas Yojana: बिहार में अपना पक्का घर का सपना देख रहे हजारों लोगों को झटका लगा है. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत हजारो लाभार्थियों को अयोग्य घोषित किये जाने के कारण ऐसा हुआ है.

Pradhan Mantri Awas Yojana
Pradhan Mantri Awas Yojana- फोटो : news4nation

Pradhan Mantri Awas Yojana:  प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ लेने के इच्छुक हजारों आवेदकों को बड़ा झकता लगा है. बिहार में एक साथ करीब 14 हजार आवेदकों को अयोग्य करार देने से यह परेशानी हुई है. दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभार्थियों को स्वीकृति के दौरान हुई जांच में 14 हजार से अधिक को अयोग्य करार दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी वैसे लाभार्थी थे, जो वर्तमान में आवास योजना के लिए जरूरी पात्रता के तहत नहीं आते थे। इस तरह अब इस योजना के तहत आवास निर्माण का जन लक्ष्य 12.55 लाख से घटकर 12.41 लाख हो गया है। 

ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2018 में हुए सर्वे के से आधार पर लाभुकों की सूची बनी हुई थी। सूची के अनुसार आवास की स्वीकृति के पहले की जा रही जांच में यह मामला सामने आया कि करीब 14 हजार लाभुक इस दायरे में नहीं आते हैं। वहीं, विभाग ने लक्ष्य के अनुरूप मकान निर्माण में तेजी लाने का निर्देश जिलों को दिया है।

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण

1 अप्रैल 2016 को लॉन्च की गई प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) द्वारा केंद्र का प्रमुख मिशन है, जिसे आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। PMAY-G का उद्देश्य सभी बेघर परिवारों और कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्का घर उपलब्ध कराना है। PMAY-G ग्रामीण आवास की कमी को दूर करता है और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा करता है, जो "सभी के लिए आवास" के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। PMAY-G के तहत घरों का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर है जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए एक समर्पित क्षेत्र शामिल है। 

27 सितंबर 2022 तक, 2.72 करोड़ के कुल लक्ष्य में से 2.00 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है। लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) मापदंडों का उपयोग करके की जाती है और ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापित की जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक खाते/डाकघर खाते में स्थानांतरित की जाती है। PMAY-G को अगले दो वर्षों के लिए यानी 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

लक्ष्य और उद्देश्य:

पीएमएवाई-जी का लक्ष्य 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी बेघर परिवारों और कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना है। इसका तात्कालिक उद्देश्य 2016-17 से 2018-19 तक तीन वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 1.00 करोड़ परिवारों को शामिल करना है, जो बेघर हैं या कच्चे/जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं, और स्थानीय सामग्रियों, डिज़ाइनों और प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों का उपयोग करके लाभार्थियों द्वारा गुणवत्तापूर्ण घरों का निर्माण करना है। घरों को घर बनाने के लिए, अभिसरण के माध्यम से आवास दृष्टिकोण को अपनाने का प्रस्ताव है।