Patna Road:नीतीश सरकार जोड़ने जा रही दो बड़े रूट, बांसघाट से जेपी गंगा पथ तक मिलेगा सीधा रास्ता, ट्रैफ़िक जाम पर चलेगा नीतीश का बुलडोज़र

Patna Road: बांसघाट से जेपी गंगा पथ की सड़कें वक़्त पर बन गईं, तो पटना की ट्रैफ़िक की जानलेवा तस्वीर काफ़ी हद तक बदल जाएगी...

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बांसघाट से जेपी गंगा पथ तक मिलेगा सीधा रास्ता- फोटो : social Media

Patna Road:बिहार की सियासत में इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा सड़क और कनेक्टिविटी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 अगस्त 2025 को बांसघाट कनेक्टिविटी रोड का शिलान्यास करके एक बार फिर यह मैसेज देने की कोशिश की है कि विकास ही असली एजेंडा है।परियोजना के तहत 600 मीटर लंबी फोरलेन सड़क बांसघाट से सीधे जेपी गंगा पथ को जोड़ेगी। 52.28 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह सड़क फरवरी 2027 तक तैयार होगी। यानि कि नीतीश सरकार ने पटना के ट्रैफ़िक जाम के खिलाफ एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है।

डिज़ाइन भी बेहद दिलचस्प है बांसघाट से आने वाले वाहन पहले लेफ़्ट फ्लैंक से यूटर्न लेंगे और फिर राइट फ्लैंक में घुसते हुए सीधे गंगा पथ पर चढ़ जाएंगे। इसी तरह, गंगा पथ से लौटने वाले वाहन बांसघाट के आगे जाकर मंदिरी नाले पर बन रही सड़क से जुड़ जाएंगे। एजेंसियों का दावा है कि यह स्मार्ट डिज़ाइन शहर की सबसे बड़ी बीमारी ट्रैफ़िक जाम का इलाज साबित होगा।

इसके साथ ही आयकर गोलंबर से बांसघाट तक की 1289 मीटर लंबी सड़क भी लगभग तैयार है। 86.98 करोड़ की लागत से बनी यह सड़क नाले के ऊपर बनाई जा रही है। इसके नीचे ट्विन बैरल आरसीसी बॉक्स ड्रेन की व्यवस्था होगी ताकि सफाई का काम भी आसानी से हो सके। ऊपर सड़क पर डिवाइडर और सर्विस ड्रेन का काम पूरा होने की कगार पर है।

नीतीश सरकार इसे कनेक्टिविटी की क्रांति बता रही है। दावा है कि अब बेली रोड से जेपी गंगा पथ तक पहुँचना बच्चों का खेल होगा। साथ ही पीएमसीएच, गायघाट, कंगन घाट और दीदारगंज जैसे इलाकों तक भी पहुंचना आसान हो जाएगा।लेकिन सवाल यहाँ भी वही है कि क्या वाक़ई ये प्रोजेक्ट वक़्त पर पूरे होंगे? 2027 की डेडलाइन सुनकर विपक्ष ने तंज कसा है कि तब तक पता नहीं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा और जनता इन सड़कों का मुँह देख पाएगी या नहीं।

बहरहाल, इस मेगा इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर कुल लागत करीब 139 करोड़ बैठ रही है। सत्ता पक्ष इसे "विकास का सबूत" बता रहा है तो विपक्ष इसे "चुनावी स्टंट" करार दे रहा है। लेकिन इतना तय है कि अगर ये सड़कें वक़्त पर बन गईं, तो पटना की ट्रैफ़िक की जानलेवा तस्वीर काफ़ी हद तक बदल जाएगी।